कोरोना के नाम पर नियुक्तियों पर रोकः कांग्रेस
राज्य सरकार ने नियमित नियुक्तियों के साथ ही नए पदों के सृजन पर रोक लगा दी है. इससे 300 करोड़ की बचत का अनुमान है.
देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना की वजह से राज्य सरकार ने अपने खर्चों में भारी कटौती करने का ऐलान किया है. लेकिन यह मामला भी राजनीतक रूप ले गया है. दरअसल राज्य सरकार ने फ़िज़ूलखर्च रोकने के लिए राजकीय भोज फ़ाइव स्टार होटलों में करने से बंद करने की घोषणा की है. इसके अलावा विज्ञापन पर खर्च कम करने, विदेश यात्रा पर रोक लगाने, कैलेंडर-डायरी न छापने का भी फ़ैसला किया गया है लेकिन इसके साथ ही नई नियुक्तियां न करने और अनुपयोगी पद खत्म करने की बात कहकर छंटनी की ओर भी इशारा कर दिया है. कांग्रेस ने इसे रोज़गार वर्ष में बेरोज़गारों से धोखा बताया है.
पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कोरोना का बहाना बना कर राज्य भर में सभी विभागों में नियुक्तियां बन्द करने का फैसला अनुचित है और कांग्रेस इसका पुरज़ोर विरोध करेगी.
खर्चों पर रोक
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए सरकार को अधिक खर्च करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ़ लॉकडाउन की वजह से सरकार की आय भी गिरी है जिसी वजह से प्रदेश की जीडीपी गिरी है और राजस्व प्रभावित हुआ है बुधवार को जारी शासनादेश में नियमित नियुक्तियों के साथ ही नए पदों के सृजन पर भी रोक लगा दी गई है. चतुर्थ श्रेणी को पहले से आउटसोर्स करने की नीति चल रही है लेकिन अब तकनीकी रिक्त पदों पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इसके अलावा सरकारी निर्माण पर भी रोक लगाई गई है और सरकारी कार्यक्रमों पर, प्रचार पर खर्च कम करने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं. वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि छोटा-मोटा अमाउंट भी बचाया जाए तो बड़ी बचत की जा सकती है. इन निर्देशों का पालन किया जाए तो करीब 300 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है.
बेरोज़गारों से धोखा
कांग्रेस ने नियुक्तियों पर रोक पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने 2020 को पहले रोज़गार वर्ष घोषित किया और अब राज्य में सभी सरकारी विभागों में एक वर्ष तक के लिए सभी प्रकार की नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार राज्य के सभी विभागों में नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है और आवश्यकता पड़ने पर ठेका प्रथा से कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रावाधान किया है, उससे प्रदेश भर के युवा घोर निराश हुए हैं, जो रोज़गार वर्ष में सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे थे. श्री धस्माना ने कहा कि सरकार उत्तराखंड को ठेका कर्मचारी प्रदेश बनाना चाहती है. धस्माना ने कहा कि कोरोना का बहाना बना कर राज्य भर में सभी विभागों में नियुक्तियां बन्द करने का फैसला अनुचित है और कांग्रेस इसका पुरज़ोर विरोध करेगी.