प्रथम महिला प्रधानमंत्री की मनाई गयी जयंती
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जौनपुर-आज दिनांक 19 नवंबर 2020 को जिला कांग्रेस कार्यालय पर देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की 103वीं जयंती पुष्प अर्पित करके मनाया गया और संगोष्ठी सभा का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज ने कहा की देश में इंदिरा गांधी की अलगऔ पहचान थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इन्हें दुर्गा कहा था। इंदिरा गांधी अपने कार्यकाल के दौरन कभी भी कड़े फैसले लेने से पिछे नहीं हटती थीं। इसी कारण वे दुनिया के ताकतवर नेताओं में शुमार थीं। इंदिरा गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री कई महत्वपूर्ण और साहसिक फैसले लिए। उनके फैसले ने देश को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया।इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 में हुआ और उनका पूरा बचपन देश की राजनीतिक माहौल में बीता था। जिससे उनकी राजनीति की समझ विकसित हुई और उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले लिए। जिसमें एक था बैंकों का राष्ट्रीयकरण।देश में 19 जुलाई 1969 को 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। इस समय बैंको के पास देश का 70 प्रतिशत पैसा था,राष्ट्रीयकरण करने के बाद 40 प्रतिशत पैसा प्राइमरी सेक्टर में निवेश करने के लिए सुरक्षित किया गया। बैंकों के राष्ट्रीयकरण से पहले अधिकतर बैंको पर औद्योगिक घरानों का कब्जा था। इंदिरा गांधी का मानना था कि राष्ट्रीयकरण से देश भर में बैंक क्रेडिट दिया जा सकेगा।
इस प्रस्ताव को जब सबके सामने रखा गया उस समय मोरारजी देसाई वित्त मंत्री थे और उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। जिसके बाद 19 जुलाई 1969 को एक अध्यदेश के जरिए 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, और 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
बांग्लादेश का उदय देश विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान बना जो कि बंगाल से कटा था यहां लोग पाकिस्तान की सेना के शासन में घुट रहे थे। इसी दौरान वहां शेख मुजीबुर रहमान स्वायत्ता के लिए संघर्ष कर रहे थे। पाकिस्तानी सेना की तानाशाही के कारण पूर्वी पाकिस्तन (बांग्लादेश) में गृह युद्ध शुरू हो गया।
वहां से भागे करीब 10 लाख लोगों ने भारत के असम और अन्य राज्यों में शरण लिया। जिसके बाद इंदिरा गांधी को बांग्लादेशियों के अधिकारों की रक्षा के लिए इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। जिसके परिणाम में 1971 का युद्ध हुआ जिसमें करीब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया और लंबे समय के संघर्ष के बाद एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का उदय हुआ। न्यूक्यिलर टेस्ट और राजाओं के राजभत्ता को खत्म करना दुनिया भर के ताकतवर देश जहां भारत को धमकाने में जुटे थे उस समय इंदिरा गांधी ने न्यूक्यिलर टेस्ट कराकर दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया। इस टेस्ट ने भारत को परमाणु ताकत के रूप में स्थापित किया था।
आजादी के बाद भी देश में लगभग 500 से अधिक छोटी बड़ी रियायते थी। जिसमें हर राजा को अपनी रियासत का भारत में एकीकरण करने के एवज में भारत सरकार द्वारा हर साल राजभत्ता (प्रीवी पर्स) बांध दी गई थी। जिसे इंदिरा गांधी ने खत्म करने का फैसला किया था। और सविधान संशोधन कर इसे बंद करवा दिया गया था।ऑपरेशन ब्लू स्टार
इंदिरा गांधी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में खालिस्तान की उठती मांग को रोकने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का फैसला लिया। उस समय पंजाब खालिस्तान समर्थकों की जकड़ में जाता दिख रहा था। जिसको देखते हुए स्वर्ण मंदिर में सेना को घुस कर खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। इसमें आतंकी सरगना जरनैल सिंह भिंडरावाला की मौत हो गई।ओडिशा में दिए गए भाषण में जिस तरह उन्होंने शब्द कहे उससे इस बात का अंदाजा हो गया था कि उनकी हत्या हो सकती है।
लेकिन इसके बावजूद वे देश हित में एक के बाद एक कड़े फैसले और जनता हित में कार्य करती रही।
इस अवसर पर
सुरेंद्र वीर विक्रम बहादुर सिंह, राकेश मिश्रा, धर्मेंद्र निषाद, आजम जैदी, सत्यवीर सिंह,पंकज सोनकर,नीरज राय, शिव मिश्रा, विकास अस्थाना, आलोक सिंह,शशांक राय, नेसार इलाही,इकबाल हुसैन,बबलू गुप्ता आदि उपस्थित रहे,संचालन विकास तिवारी ने किया।