महिला का सहारा लेकर पुलिसवालों ने रचा युवक को ‘फंसाने’ का खेल, ACP बोले- होगी कार्रवाई
लखनऊ के रहने वाले एक शख्स के लिए कुछ भ्रष्ट पुलिसवालों ने ऐसा जाल बिछाया कि उसकी जिंदगी नरक बन गई। एक महिला को सहारा बनाकर पुलिस ने युवक पर यौन शोषण का आरोप लगवा दिया। लेकिन कुछ समय बाद ही पुलिसवालों के खेल की पोल खुल गई। अब मामले में जांच की जा रही है।
कोई भी सरकार लाख कोशिश कर ले लेकिन पुलिस महकमे के भ्रष्ट पुलिसवाले सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। आप ने पुलिस के कारनामों के कई किस्से सुने होंगे जिन्होंने आप को हैरत में डाला होगा, ऐसा ही एक मामला लखनऊ का है इसे सुनकर आप की रूह कांप जाएगी। मामला मड़ियांव थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाले एक शख्स को फंसाने के लिए पुलिस ने ऐसा जाल बिछाया कि उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती। वह तो लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और डीसीपी शालनी सिंह को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने गंभीरता से मामले की जांच के आदेश दिए। लखनऊ के इन भ्रष्ट पुलिसवालों ने एक महिला को मोहरा बनाया और उससे युवक के खिलाफ मुकदमा लिखवाने का दबाव बनाया। जब महिला ने इनकार किया तो पुलिसकर्मियों ने महिला को चरित्रहीन बताकर बदनाम करने की धमकी दी। डरी महिला ने प्रार्थना पत्र देकर पीड़ित के खिलाफ एफआईआर लिखवा डाली। परेशान होकर न्याय के लिए दर-दर भटक रहे पीड़ित ने जब कमिश्नर की चौखट पर जाकर न्याय मांगा तो कमिश्नर ने उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। कमिश्नर के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू हुई तो विभाग में कुंडली मारकर बैठे दागी पुलिसकर्मियों के किस्से उजागर होने लगे। अब पूरे मामले में जांच जारी है। एसीपी अलीगंज का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने दबाव बनाकर महिला से ली तहरीर
पहले हम आप को पूरा मामला समझाते हैं। दरअसल, मड़ियांव थाना क्षेत्र के नौबस्ता खुर्द में रामलीला मैदान के पास मनीष मिश्रा पुत्र राजकुमार मिश्रा रहते हैं। बीते साल जून के महीने में उनके मकान में उनके साढ़ू के घर की महिला किराये पर रहने आयी थी। मनीष के घर में उनकी भाभी का झगड़ा होने के बाद महिला को किराए का कमरा छोड़ना पड़ा। कमरा छोड़ने को लेकर हुए मामूली विवाद में समझौता कराने को लेकर महिला रामलीला पुलिस चौकी पर पहुंची। यहां उसे चौकी इंचार्ज राहुल तिवारी मिले। महिला ने जब पूरी बात बताई तो खाकी में छिपे भ्रष्ट पुलिसवाले ने समझौते की बजाए उसे मुकदमा लिखवाने का मुफ्त में ज्ञान दे दिया।
कमिश्नर सुजीत पांडे ने दिया मदद का भरोसा
महिला ने जब मुकदमा लिखवाने से इनकार किया तो वकील से बात करके तहरीर देने का दबाव बनाया, शिकायती पत्र ना देने पर महिला को ही चरित्रहीन बताकर बदनाम करने की धमकी दे डाली। न्याय के लिए गई महिला चौकी इंचार्ज के चक्कर में फंस गई। महिला का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने कहा कि मुकदमा लिखवाने में तुम्हारा भी फायदा है और हमारा भी है। महिला को नेपाल सिंह नामक एक अन्य पुलिसकर्मी और आरसी यादव का नाम बताकर चौकी इंचार्ज ने मदद करने के नाम पर एक बेहुनाह को अपराध की श्रेणी में लाने का षड्यंत्र रच डाला। बदनामी के डर से महिला पर दबाव बनाकर राहुल ने मनमानी तहरीर ली और मनीष के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने, जेवरात हड़पने, धमकी देने सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मनीष को जेल भेजने का षड्यंत्र कर डाला। पुलिस की इस करतूत से तंग आकर मनीष ने कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय की चौखट खटखटाई तो यहां उन्हें न्याय का आश्वासन मिला। कमिश्नर ने भरोसा दिलाया कि कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जायेगा।
एसीपी के सामने महिला ने खोली पोल
महिला को जब पता लगा कि उसे सहारा बनाकर पुलिस मनीष को फंसाने का षणयंत्र रच रही है तो महिला ने एसीपी अलीगंज राज कुमार शुक्ला के पास जाकर पूरी सच्चाई बताई। महिला ने बताया कि किराएदेरी के मामूली विवाद में एसीपी अलीगंज को दिए गए दस रुपये के शपथ पत्र में पीड़िता ने कहा कि उसने जो भी आरोप मनीष मिश्रा पुत्र राजकुमार मिश्रा निवासी नौबस्ताखुर्द रामलीला मैदान पर लगाए हैं वह कुछ लोगों के बहकावे में आकर लगा दिए। उनके बीच में जो गलतफहमी थी दूर हो गई है। अब कोई वाद-विवाद (किराए के बाबत) नहीं रह गया है।
‘पुलिसवाले ने जिंदगी बना दी नरक’
इस घटना से पूरी तरह टूट चुके मनीष मिश्रा ने बताया कि उनकी जिंदगी नरक हो गई है। पत्नी की मृत्यु के बाद अब कुछ भी नहीं बचा है। रामलीला मैदान चौकी इंचार्ज राहुल तिवारी ने जिंदगी नरक बना दी है। राहुल तिवारी के साथ नेपाल सिंह और कुछ अन्य पुलिसवाले भी मिले हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। मनीष ने कहा कि हमारी जान को खतरा है। मेरी दुकान लूटने वाले विपक्षी दबंग प्रवत्ति के हैं, वे हमको मरवा सकते हैं। उन्होंने उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस पूरे मामले में वर्तमान समय में हो रही कार्रवाई के संबंध में जब एनबीटी ऑनलाइन ने डीसीपी उत्तरी शालिनी सिंह से बात करने की कोशिश की तो उनसे बात नहीं हो पाई। हालांकि एसीपी अलीगंज राजकुमार ने बताया कि महिला ने सुलहनामा देकर सुलह कर ली है और बताया कि जो एफआईआर उसने कराई थी उसमें लगाए गए आरोप कुछ लोगों के बहकावे में आकर लगाए थे। उन्होंने कहा कि उच्चअधिकारियों के मार्गदर्शन में इस प्रकरण में जांच चल रही है, जांच में अगर पुलिसकर्मी दोषी होंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी, पीड़ित को हर सम्भव न्याय मिलेगा। वहीं, प्रभारी निरीक्षक मड़ियांव विपिन कुमार सिंह ने बताया कि मामले में उच्चअधिकारी जांच करवा रहे हैं। आरोपी राहुल तिवारी का एक माह से अधिक समय पहले ही चौकी से तबादला किया जा चुका है। महिला अब कह रही है कि उसका किरायेदारी का विवाद था और उसमें सुलह हो गई है