Sunday, October 6, 2024
कविता

माँ भारती गीत…

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भारत माँ के वीर सपूतों की पहली पहचान।
बटुए में परिवार बसा है दिल में हिन्दुस्तान॥
सपूतों की पहली पहचान

भारत माँ का लाल,वीर अब्दुल हमीद मतवाला!
निगल गया सब टैंक तोप दुश्मन का निडर जियाला!!
डाल गया माँ के पाँवों में पुनः विजय की माला!!!
झूम उठा गिरिराज हिमाला, बढ़ी देश की शान।

भारत माँ के वीर जवानों की पहली पहचान॥
बटुए में परिवार बसा है दिल में हिन्दुस्तान।॥
सपूतों की पहली पहचान

राजगुरू,अशफ़ाक,भगत सिंह खुदीराम,सावरकर!
बिस्मिल जी,आज़ाद,ताँत्या हुए अमर सब मर कर!!
फाँसी के फन्दे पर जाकर झूल गये हँस हँस कर!!!
तान के सीना हुए देश पर पल भर में क़ुर्बान।

भारत माँ के वीर सपूतों की पहली पहचान॥
बटुए में परिवार बसा है दिल में हिन्दुस्तान।॥
सपूतों की पहली पहचान

कितनी माँओं ने सीमा पर अपने लाल गँवाए!
कितनी बहनों के भाई सीमा से लौट न पाये !!
कितनी बहुओं के साजन वापस घर कभी न आये!!!
आज़ादी के मतवालों ने रखी देश की आन।

भारत माँ के वीर सपूतों की पहली पहचान॥
बटुए में परिवार बसा है, दिल में हिन्दुस्तान!!
सपूतों की पहली पहचान

कृपा ईश की हो भारत पर मिले एक वरदान!
भारत माँ का निशि दिन करता रहे विश्व यश गान!!
रहे हिमालय का सिर ऊँचा यही एक अरमान!!
बदन तिरंगे मेंं लिपटा हो जब भी निकले जान!!

भारत माँ के वीर सपूतों की पहली पहचान!
बटुए मेंं परिवार बसा है दिल मेंं हिन्दुस्तान!!
सपूतों की पहली पहचान

सागर त्रिपाठी….