Friday, November 22, 2024
जौनपुर

सूचना अधिकार को ठेंगे पर रखते है पंचायत राज्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारी

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जौनपुर  उ0प्र0 सरकार चारो तरफ विकास कार्य कराने का नगाड़ा बेतहासा पीट  रही है मगर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो सारी बाते नगण्य दिखाई दे रही है। प्राप्त सूचना के अनुसार पंचायत राज्य विभाग जौनपुर के समस्त अधिकारी सरकारी कानून को इस तरह अनदेखा करते है जैसे कि वह कानून अथवा शासनादेश किसी परच्यून की दुकान पर बनाया गया लेमनचूस का पर्चा है। मिली जानकारी के अनुसार वि0ख0 वक्शा अतर्गत ग्राम सभा रसवदिया में हुई खुली बैठक से सम्बन्धित 3 मार्च 2023 को सूचना आनलाईन मागी गयी थी जिसका आनलाईन सख्या डी.एम.ओ.जे.यू./आर./2023/60055 है जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी जौनपुर के कार्यालय के कर्मचारी जब अपनी कुम्भकर्णी नीद से उठे  है तब जाकर उस आवदेन को विकास खण्ड बक्शा के लिए हस्तातरित किये जबकि 5 दिन के अन्दर ही कोई भी आवेदन हस्तातरित करना होता है और 30 से 35 दिन मे जबाब देना होता है ऐसा कुछ नही किया गया जिससे ऐसा लगता है कि पूरा महकमा भाग की गोली खाकर अपने मे मस्त है और इस मस्ती मे वे अपने को सरकारी नौकर बताते हुए कहते है कि हम नौकर है सरकार के। ऐसी ही कारादानी के चलते बिगत दिनो बिहार की उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि आई.एस अपने को मालिक न समझे, अगर मालिक बनना है तो इस्तीफा देकर कोई ब्यापार आरम्भ करे। माननीय न्यायालय के उक्त बाते उ0प्र0 के अधिकारियो कर्मचारियो के पल्ले नही पड़ रही है तभी तो अपने को सरकारी नौकर समझ कर अपने सही मालिक यानी जनता को परेशान करते है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है आवेदक द्वारा 3 मार्च 2023 को सूचना अधिकार अंतर्गत किया गया सशुल्क आवेदन जिसका जबाब 35 दिन के उपरांत सारी जानकारी निःशुल्क देनी होती है परंतु लगभग 60 दिन के के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी रसवदिया ने आवदेक के पास एक पत्र भेज कर सूचित किया कि आपको 2/रु प्रति पेज के हिसाब से 1400रु जमा करना होगा इसके उपरान्त वाछित सूचना मिलेगी आवदेक ने बताया कि 35 दिन बितने के बाद सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 (6) अंतर्गत सारी सूचनाए नि-शुल्क देना होता है इसके बावजूद दिनंाक 30/6/23 को नियमानुसार 1400 रु का भारतीय पोस्टल आर्डर के माध्यम से शूल्क भी जमा करवादिया गया बडे मजे की बात यह है कि प्रदेश का जाना माना विभाग पंचायती राज विभाग में आवेदन रिसीव करने हेतु कोई मुहर या स्टैम्प उपलब्ध नही है जो बडी ही शर्मनाक बात है। आज 15 जूलई तक अवेदक को विभाग की तहफ सें कोई जवाब नही दिया गया इससे यह  स्पष्ट साबित होता है कि यह विभाग सूचना अधिकार कानून का अपने ठंेगंे पर रखते है जिसको कोई हिला नही सकता और जब तक कोई नेक ईमानदार उच्च आला अधिकारी जनपद मे नही आएगा जिसे इमानदारी रूपी पागलपन का दौरा पड़ रहा होगा जो इन भ्रष्ट कर्मचारियो की जडे हिला देगा, जब तक ऐसा नही होगा तब तक ये भ्रष्ठ अधिकारी/कर्मचारी अपनी मनमानी करते रहेगे ।