Tuesday, September 17, 2024
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अनोखी शादी

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*अनोखी शादी! 1 रुपया और नारियल देकर हुई शादी*

*दुल्हन की नौकरी लगी तो माता-पिता को एक साल तक देगी वेतन*

दूल्हे जय नारायण जाखड़ ने बताया कि दुल्हन अनीता के माता-पिता ने उसे पाल पोश कर इतना बड़ा किया है, इसके साथ ही उसे पोस्ट ग्रेजुएट करवाया है. यह मेरे लिए दहेज के समान ही है. आज के समय में शिक्षा भी दहेज से कम नहीं है.

*काजल मनोहर. अवनीश मिश्र. जयपुर ग्रामीण. राजस्थान*

आए दिन दहेज को लेकर होने वाली अनहोनी घटनाओं की सूचनाएं सुनने को मिलती है. समाज में फैली इस कुप्रथा को मिटाने के लिए समय-समय पर कई प्रयास होते रहे हैं. जयपुर ग्रामीण में रहने वाली अनीता वर्मा ने शादी में दूल्हे को कोई दहेज नहीं दिया है. इस बिना दहेज की शादी की पूरे प्रदेश भर में सराहना की जा रही है. समाज में फैली इस कुप्रथा को मिटाने के लिए दूल्हे जय नारायण जाखड़ ने भी उसका खूब साथ दिया.

*दूल्हा जेई और दुल्हन है पोस्ट ग्रेजुएट*…..

बिना दहेज की शादी के बाद क्षेत्र में दूल्हा और दुल्हन के माता-पिता की खूब प्रशंसा की जा रही है. सीकर जिले के दांतारामगढ़ के निवासी दूल्हे जयनारायण जाखड़ पीडब्ल्यूडी विभाग में जेई के पद पर कार्यरत है और दुल्हन अनीता वर्मा पोस्ट ग्रेजुएट है. दूल्हे जय नारायण जाखड़ ने बताया कि दुल्हन अनीता के माता-पिता ने उसे पाल पोश कर इतना बड़ा किया है, इसके साथ ही उसे पोस्ट ग्रेजुएट करवाया है. यह मेरे लिए दहेज के समान ही है. आज के समय में शिक्षा भी दहेज से कम नहीं है.

*एक रूपए और नारियल में हुई शादी*…

पीडब्ल्यूडी में जेईएन पद पर कार्यरत जयनारायण जाखड़ ने मात्र एक रूपए और एक नारियल का सुगन लेकर शादी रचाई. दुल्हन अनीता ने बताया कि बिना दहेज की शादी की पेशकश सबसे पहले दूल्हे के परिवार ने की थी. दूल्हे ने बताया कि उनके दादा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ हमेशा आवाज़ उठाते रहे हैं और पिता एक वकील है.ऐसे में दादा और पिताजी की प्रेरणा से समाज में फैली इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए बिना देहज के शादी करने का फैसला लिया. मेरे इस फैसले में परिवार वालों ने मुझे पूरा सपोर्ट किया.

*दुल्हन को सरकारी नौकरी लगी तो मायके में देगी वेतन*

दुल्हन अनीता पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद अब सरकारी नौकरी की तैयारी करेगी. दूल्हे का पूरा परिवार उसका सपोर्ट करेगा. दूल्हे के परिवार ने दुल्हन अनीता से वादा किया है कि अगर उसका चयन सरकारी सेवा में होगा तब वह एक साल तक अपना वेतन अपने माता पिता को दे सकती है, ताकि एक बेटी को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाने का फल उन्हें भी प्राप्त हो.

*इस अनोखी शादी को विधायक ने भी सराहा*

इस अनोखी शादी की सीकर और जयपुर सहित सम्पूर्ण राजस्थान में तारीफ हो रही है. दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह ने भी दूल्हा और दुल्हन के इस फैसले को सराहा है. विधायक ने खुद दोनों की शादी में पहुंचकर समाज में फैली इस दहेज प्रथा जैसी कुरीति को दूर करने करने का अच्छा कदम बताया है.