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गिरकर आंखों जो जालिम को दोवा देते है
आग पानी मे वही अक्स लगा देते है
मुझसे जब कोई पूछता है मेरी बर्बादी का सबब
उनको हुम् अपनी तस्वीर देखा देते है
आप महफ़िल में मेरी शमत निगबे कर के
शोलाये इश्क़ को दामन की हवा देते है
अपने दिल की बात किस्से कहु ये तारिक
लोग सुनते है और अफसाना बना देते है