जब खेल बना संग्राम
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सोनभद्र, कितना संस्कारिक शब्द है खेल, कोई भी खेल जब द्ववेश की भावना से से खेला जाता है तब इतिहास गवाह है कि वह खेल महाभारत का रूप लेता है, तब खेल खेल नही रह जाता है बल्कि खेल की जगह संग्राम हो जाता है। प्राप्त सूचना के अनुसार जिला सोनभद्र के राबर्टगंज अंतर्गत ग्राम सभा कमहरडीह पहाड़ी के प्राथमिक विद्यालय पर नागपंचमी के उपलक्ष्य मे गाव की जनता द्वारा गाव का प्राचीन खेल कबड्डी का आयोजन किया गया था । खेल ठीक ठाक चल रहा था परंतु अचानक खेल के दोनो गुट के खिलाड़ियो मे एकाएक मारपीट के साथ अफरा तफरी मच गयी जिसमे दोनो पक्षो से सोमारू पटेल,गोविन्द,अशोक एवं सुरेन्दर पटेल तथा दूसरे गुट से रविन्द्र ,मुनीदेव समेत कई लोगो का नाम प्रकाश मे आया है। खेल के मैदान मे हुए इस मार पीट से सारा गाव आक्रोशित है।