Friday, December 27, 2024
राजनीति

प्रधानी चुनाव के लिए अपनी संतान को भी बता रहे पराया

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अब तक चुनावी बिसात पर पिता के सामने पुत्र और भाई के सामने भाई को शह व मात देने के कई सच्चे वाकयों से आप रूबरू हुए होंगे। यह नहीं सुना और देखा होगा कि चुनाव लड़ने के लिए कोई पिता अपने बेटे को पराया कर दे। उसे बाकायदा लिखापढ़ी में किसी दूसरे को सौंप दे। लेकिन यह कहावत कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता अक्षरश: सच होती दिख रही है। राज्य सरकार की दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक की कवायद से संभावित दावेदारों में खलबली मच गई है। पंचायत चुनाव में धमाकेदर आमद दर्ज कराने का खाका खींच रहे दावेदारों ने अपने मंसूबों पर पानी फिरता देखा तो इसकी काट तलाश ली। दो से अधिक बच्चों वाले संभावित दावेदार अपने तीसरे व चौथे बच्चे का भाई व अन्य रिश्तेदार को गोदनामा कराने में जुट गए हैं। इसके लिए वकीलों की घेराबंदी शुरू कर दी है। इसके अलावा न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के मानक पर खरा उतरने के लिए हाईस्कूल की टीसी व मार्कशीट बनवाने के साथ प्राइवेट फार्म भरने की जुगत भिड़ाना भी शुरू कर दिया है। सबसे अधिक मशक्कत वर्तमान प्रधानों के साथ प्रधानी का चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों में मची हुई है। जिले में 1601 ग्राम पंचायतें हैं। पंचायत चुनाव में प्रधान पद के लिए ही सबसे अधिक जोर आजमाइश होती है। दावेदार इस चुनाव को सीधे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर जीत की हर जुगत अपनाते हैं।पिछले पंचायत चुनाव 2015 में हुए थे। इसलिए सितंबर-नवंबर 2020 में प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वैसे तो अब तक पंचायत चुनाव की सरगर्मी उफान पर होती, लेकिन कोरोना काल के चलते फिलहाल प्रक्रिया टाल दी गई है। अगले छह महीने तक पंचायत चुनाव के कोई आसार नहीं हैं। अलबत्ता समय करीब आते देख संभावित दावेदारों ने अपनी सक्रियता जरूर बढ़ा दी है। इसी बीच दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पर सरकार के विचार करने की खबर ने प्रधानी हासिल करने का ख्वाब संजोने वालों की नींद उड़ा दी। फिर क्या था मौजूदा प्रधानों और संभावित दावेदारों ने चुटकियों में इन मानकों पर खरा उतरने का रास्ता तलाश लिया और अपनी तीसरी संतान का गोदनामा तैयार कराने में जुट गए। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के लिए भी टीसी व मार्कशीट का प्रबंध करने की कवायद चल निकली है। अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला ने बताया कि पंचायत में दो बच्चों से अधिक वाले चुनाव न लड़ पाने को लेकर सरकार की तैयारी से वर्तमान प्रधानों और संभावित दावेदारों में खलबली मच गई है। दो से अधिक बच्चों वाले अभी से अपनी तीसरी व चौथी संतान का गोदनामा भाई व रिश्तेदारों के नाम कराने के लिए आने लगे हैं। पिछले तीन दिनों में ही मेरे पास लगभग ऐसे 20 लोग आ चुके हैं। तीन लोगों ने तो अपने कागज भी तैयार करवा लिए हैं।

अधिवक्ता संजय सिंह ने बताया कि अचानक बड़ी संख्या में गांवों से लोग गोदनामा कराने के लिए आ रहे हैं। उन्हें हमने स्पष्ट बता दिया है कि 8 साल से ऊपर बच्चे का गोदनामा नहीं किया जा सकता। गोदनामा करने के लिए जैसे जमीन की रजिस्ट्री व बैनामा किया जाता है वैसे ही गोदनामा में दोनों पार्टियों के उसी तरह पेपर, फोटो समेत ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करनी होती है। प्रधान संघ अध्यक्ष सिधौली प्रदीप सिंह ‘दीपू’ का कहना है कि वहीं पंचायत चुनाव में पद के लिए फर्जी अहर्ता तैयार कराना गलत है। झूठ की बुनियाद पर पद हासिल करने वाले विकास व जनता का हित करेंगे, इस पर संशय है। सरकार की तरफ से जो भी गाइड लाइन जारी होगी, अगर उस पर खरे उतरे तो ठीक है। फर्जी तरीके से चुनाव लड़ना ठीक नहीं है।