Thursday, November 21, 2024
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प्राइवेट पार्ट में हो गया था कैंशर, विशेषज्ञ चिकित्सको ने हाथ पर बनाया नया लिंग और कर दिया ट्रांसप्लांट ।

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जयपुर: जयपुर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया। कैंसर के एक मरीज का लिंग खराब हो गया था। डॉक्टरों ने कैंसरग्रस्त लिंग को हटा कर हाथ पर नया लिंग बनाया। इसके बाद लिंग को ट्रांसप्‍लांट किया। ट्रांसप्लांट के बाद पुरुष मरीज के लिंग में पहले जैसी संवेदनाएं भी जाग्रत कर दी गई। पिछले कुछ सालों में जयपुर में 10 से ज्यादा लिंग ट्रांसप्लांट ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं।

डॉक्टरों ने समझाया फिर ऑपरेशन को तैयार हुआ मरीज

बूंदी निवासी एक 72 वर्षीय पुरुष मरीज लिंग कैंसर से पीड़ित था। काफी इलाज के बाद भी उसके लिंग में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद डॉक्टरों ने कैंसरग्रस्त लिंग को हटाने का निर्णय लिया। इस पर मरीज तैयार नहीं हुआ। लिंग हटाने के बाद उसे हर बार बैठकर पेशाब करने के साथ अन्य शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता। ऐसे में डॉक्टरों ने नया लिंग बनाकर प्रत्यारोपण करने का निर्णय लिया। पहले तो मरीज डर गया था, लेकिन बाद में डॉक्टरों की समझाइश पर मरीज ऑपरेशन के लिए तैयार हो गया।

लिंग हटाने और ट्रांसप्लांट, दोनों ऑपरेशन एक साथ

डॉक्टरों ने मरीज के बायें हाथ की त्वचा, नसें और रक्त वाहिनियों को लेकर नया लिंग तैयार कर दिया। माइक्रोस्कोपिक तकनीक से नवनिर्मित लिंग को उसी स्थान पर ट्रांसप्लांट कर दिया गया और उसमें रक्त प्रवाह शुरू किया गया। इस सर्जरी में माइक्रो सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल किया। लिंग पुनर्निर्माण का उद्देश्य सही आकार, लंबाई और मूत्रमार्ग बनाने के साथ ही लिंग में संवेदना देना होता है। साथ ही जिस हाथ पर लिंग का निर्माण किया गया, उस हाथ की कार्य क्षमता और आकार में कोई परिवर्तन नहीं आया। ऐसे में अब मरीज पुनःनिर्मित लिंग के साथ सामान्य जीवन जी रहा है।

4 प्रतिशत मरीज होते हैं लिंग के कैंसर से ग्रसित

डॉक्टरों के मुताबिक कैंसर रोगियों में करीब 4 फीसदी मरीज लिंग कैंसर से ग्रसित पाए जाते हैं। इन मरीजों में से 50 फीसदी मरीजों के लिंग को उपचार के दौरान हटाना पड़ता है। मरीजों के लिए राहत की बात यह है कि अब वे नया लिंग ट्रांसप्‍लांट करा सकते हैं। इससे उनके दैनिक जीवन में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। सर्जरी के बाद बनाया गया नया लिंग ट्रांसप्‍लांट करने के बाद हूबहू प्राकृतिक लिंग जैसा ही काम करता है। महज दो सप्ताह के अंदर मरीज सामान्य रूप से चलना फिरना और दैनिक कार्य कर सकता है। किसी मरीज के जन्मजात लिंग नहीं हो तो भी लिंग पुनःनिर्माण संभव है।साभार न्यूज18