Friday, November 22, 2024
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बांग्लादेश में हिंदू पत्नियों के फोन बंद

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बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंदुओं पर हो रहे जुल्म का असर अब उन भारतीय हिंदू परिवारों पर दिखने लगा है, जिनकी रिश्तेदारी बांग्लादेश में है. जिन भारतीय हिंदू लड़के की शादी बांग्लादेशी हिंदू लड़की से हुई है या फिर जिन भारतीय हिंदू लड़की का विवाह बांग्लादेशी हिंदू लड़के से हुआ है सारे परेशान हैं.

*नई दिल्ली।* बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंदुओं पर हो रहे जुल्म का असर अब उन भारतीय हिंदू परिवारों पर भी दिखने लगा है, जिनकी रिश्तेदारी बांग्लादेश में है. जिन भारतीय हिंदू लड़के की शादी बांग्लादेशी हिंदू लड़की से हुई है या फिर जिन भारतीय हिंदू लड़की का विवाह बांग्लादेशी हिंदू लड़के से हुआ है सारे परेशान हैं. किसी की पत्नी बांग्लादेश में फंसी है तो किसी का पति बांग्लादेश में फंस गया है. ऐसा ही एक मामला बिहार के पूर्णियां जिले से सामने आया है.

पूर्णियां के बनमनखी के रहने वाले विकास कुमार की नींद इसलिए गायब है कि क्योंकि उनकी पत्नी और बेटी बांग्लादेश में फंस गई हैं. बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट के बाद से ही वहां के हालात लगातार खराब ही होते जा रहे हैं. ऐसे में विकास ही नहीं उनका पूरा परिवार न तो ठीक से सो पा रहे हैं और न ही ठीक से खाना खा रहा है. दिन हो या रात विकास हर समय फोन से ही चिपके ही रहते हैं.

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दरअसल, विकास की नींद इसलिए गायब है, क्योंकि उन्होंने पिछले साल फरवरी में एक बांग्लादेशी हिंदू लड़की से प्रेम विवाह किया था. विकास को हिंदू लड़की सावित्री से फेसबुक पर प्यार हो गया था और वह परिवार के विरोध के बावजूद शादी कर ली. इस साल 24 फरवरी को दोनों के घर में एक बेटी ने जन्म लिया है. विकास कहते हैं कि सास-ससूर के आग्रह पर पत्नी और बेटी को बीते 22 जुलाई को बांग्लादेश भेजा था. कुछ दिन तक सब ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन शेख हसीना की सरकार के हटने के बाद वहां हालात बिगड़ गए. इससे परेशान हूं. विकास के मुताबिक, 13 अगस्त को पत्नी का दिल्ली आने का हवाई टिकट भी है. लेकिन, अब विकास को डर सता रहा है कि शायद 13 अगस्त को पत्नी और बेटी से वह न मिल सके. विकास के मन में तरह-तरह की चिंताएं और डर सता रही हैं. जब कभी भी पत्नी का नंबर नहीं लगता है तो विकास परेशान हो जाते हैं और सास-ससूर के नंबर पर फोन करने लगते हैं. जब सास ससूर के भी नंबर नहीं लगता है तो डर और बढ़ जाता है. विकास कहते हैं कि तीन दिन पहले ही उनके ससूराल के बगल वाले एक हिंदू घर को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया.

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विकास कहते हैं कि पत्नी ने बातचीत में बताया है कि हिंदू लड़के-लड़कियां और बूढ़े-बुजुर्ग सब पारी में दिन हो या रात पहरा देते हैं. हालात बहुत ही खतरनाक हैं. स्थानीय पुलिस हिंदुओं को घर से न निकलने की सलाह जरूर देता है, लेकिन किसी भी तरह का कोई मदद नहीं कर रहा है.विकास कहते हैं, ‘हमारे जैसे कई और भी हैं, जिनका परिवार बांग्लादेश में फंस गया है. हमलोग भारतीय दूतावास से संपर्क कर रहे हैं. लेकिन, खुलकर कुछ नहीं कहा जा रहा है. ऐसे में मेरे पास करने को कुछ नहीं बचा है. पत्नी और बच्चे का चिंता तब तक रहेगी, जबतक वह मेरे सामने नहीं आ जाते हैं. लेकिन, मुस्लिमों की रिश्तेदारी में इस तरह का खौफ नहीं है. सिर्फ हिंदू परिवारों के ही ये हो रहा है.