महानिबंधक माननीय उच्च न्यायालय के सभी न्यायालयो को लॉक डाउन तथा उसके पश्चात खोलने एवं क्रियाशील किए जाने हेतु नवीन दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं, जो 22 जुलाई 2021 से प्रभावी होगा।
जनपद न्यायाधीश एमपी सिंह ने अवगत कराया कि महानिबंधक माननीय उच्च न्यायालय के तहत कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत अधीनस्थ न्यायालयों के संचालन के संबंध में नवीन दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं। माननीय न्यायालय के आदेश के अनुपालन में व पूर्व में पारित प्रशासकीय आदेश द्वारा सभी न्यायालयों को सभी न्यायालयो को लॉक डाउन तथा उसके पश्चात खोलने एवं क्रियाशील किए जाने हेतु नवीन दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं, जो 22 जुलाई 2021 से प्रभावी होगा। माननीय न्यायालय के नवीन दिशा निर्देश के अनुपालन में जनपद न्यायालय जौनपुर तथा ग्राम न्यायालय शाहगंज, मछलीशहर व केराकत समेत सभी न्यायालयों में समस्त प्रकार के न्यायिक व प्रशासनिक कार्य विधि अनुसार नियमानुसार प्रचलित नियमों, माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश व समय-समय पर निर्गत परिपत्रों के अनुसार संपादित किए जाएंगे। समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारीगण द्वारा प्रभावी कदम उठाते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक समयावधि में न्यायालय की कार्रवाई/सुनवाई के समय सामाजिक दूरी का पालन करते हुए न्यूनतम संख्या में वादकारीगण व विद्वान अधिवक्तागण मौजूद रहे। पीठासीन अधिकारीगण के द्वारा अधिकारियों के न्यायालय में उपस्थिति होने से रोका नहीं जाएगा जब तक कि वे किसी बीमारी से ग्रसित या संक्रमित ना हो, परंतु पीठासीन अधिकारी न्यायालय कक्ष में वादकारियों के प्रवेश को नियंत्रित कर सकेंगे व जिस स्थान से विद्वान अधिवक्ता पूर्व से तर्क प्रस्तुत कर रहे हो उस स्थान से प्रस्थान करने का आदेश दे सकेंगे। जनपद न्यायालय जौनपुर तथा ग्राम न्यायालय शाहगंज, मछलीशहर व केराकत समेत सभी न्यायालय माननीय उच्च न्यायालय के संकल्प 22 अप्रैल 2021 व इस बिंदु पर राज्य सरकार द्वारा निर्गत दिशा निर्देश के अनुपालन में प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को बंद रहेगा तथा इस दौरान न्यायालय परिसर व न्यायालयों का पूर्ण सैनिटाइजेशन पूर्व की भांति कराया जाएगा। ग्राम न्यायालयों का सैनिटाइजेशन वहाँ के पीठासीन अधिकारीगण के द्वारा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारीगण अधिशासी अधिकारी नगर पालिका के सहयोग से कराया जाएगा। जैसे ही न्यायालय का कार्य समाप्त हो जाएगा न्यायिक अधिकारी व कर्मचारी परिसर छोड़कर जा सकेंगे। न्यायालय परिसर व न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य है। न्यायालय कक्ष के बाहर सैनिटाइजर का उपयोग किया जाएगा, जिसे जिला प्रशासन/ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। रीडर, लिपिक आदि सभी कर्मचारी सामाजिक दूरी के मापदंडों का पालन करेंगे। जिला प्रशासन/मुख्य चिकित्सा अधिकारी की राय में अपर जनपद न्यायालय/ग्राम न्यायालय को किसी निश्चित अवधि के लिए कोविड-19 महामारी के कारण बंद किया जाना आवश्यक हो तो ऐसी दशा में जनपद न्यायालय/ग्राम न्यायालय को उस अवधि के लिए बंद किया जाएगा। जिसकी विशेष कारण दर्शित करते हुए सूचना माननीय उच्च न्यायालय को प्रेषित की जाएगी। न्यायालय परिसर के प्रवेश द्वारों पर जिलाधिकारी/प्रशासनिक अधिकारियों/मुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के सहयोग से प्रत्येक प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। पीठासीन अधिकारीगण व अधिकारियों विद्वान अधिवक्तागण, कर्मचारीगण, सुरक्षा बलों के जवानों व न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के द्वारा कोविड-19 महामारी के संबंध में निर्गत भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्गत समस्त दिशा निर्देश का अक्षरश: अनुपालन किया जाएगा। प्रत्येक न्यायालय में प्रतिदिन निस्तारित वादो व कृत्य कार्य का पूर्ण विवरण निर्धारित प्रारूप में उसी दिन कंप्यूटर अनुभाग में उपलब्ध कराया जाएगा। रीडर एवं लिपिक उपरोक्त विवरण कंप्यूटर अनुभाग में प्राप्त कराए जाने के उपरांत ही न्यायालय परिसर छोड़ सकेंगे। नोडल ऑफिसर कंप्यूटर अनुभाग को निर्देशित किया जाता है कि समस्त न्यायालयो से प्राप्त उपरोक्त विवरण को समेकित कराकर दैनिक कार्य विवरण माननीय उच्च न्यायालय के ई-सर्विस माड्यूल प्रेषित कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। यह दिशा-निर्देश 22 जुलाई 2021 से अग्रिम आदेश तक प्रभावी रहेगा।