Monday, December 23, 2024
राजनीति

लाखों का पैकेज छोड़ चुनावी मैदान में दो डॉक्टर, डॉ. कृपाशंकर घाटमपुर और डॉ. शालिनी जौनपुर से शुरु करेंगी सियासी सफर

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मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग की लाखों रुपये सालाना की नौकरी छोड़कर दो विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सियासत में किस्मत आजमाने का मन बना लिया है। फौरी तौर पर तो वे अभी सियासत को अपनी समाजसेवा की इच्छा का विस्तार बता रहे हैं। इनमें एक डॉक्टर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की सीनियर आई सर्जन डॉ. शालिनी मोहन हैं और दूसरे स्वास्थ्य विभाग के सीनियर सर्जन डॉ. कृपाशंकर हैं।डॉ. कृपाशंकर ने तो कांग्रेस से टिकट की इच्छा जता दी, लेकिन इस्तीफा स्वीकार होने तक डॉ. शालिनी मोहन ने अपना राजनीतिक दल अभी गोपनीय रखा है। जौनपुुर की मल्हनी विधानसभा सीट के उप चुनाव में उतरने का मन डॉ. शालिनी मोहन बनाया है। वह उनका गृह जनपद है। वहीं डॉ. कृपाशंकर घाटमपुर से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। घाटमपुर के महोली गांव निवासी डॉ. कृपाशंकर ने तीन महीने पहले भीतरगांव सीएचसी में तैनाती के दौरान इस्तीफा दिया था। यह मंजूर भी हो गया था। उनकी पत्नी डॉ. आशा वर्मा स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। सीएचसी के सामने पत्नी का नर्सिंग होम और आवास है। डॉ. कृपाशंकर घाटमपुर और बिधनू सीएचसी में भी तैनात रहे हैं। डॉ. शालिनी मोहन ने हाल ही इस्तीफा दिया है, जिसे जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने शासन को भेज दिया है। वह इस्तीफा मंजूर होने के बाद विधिवत राजनीति में प्रवेश का एलान करेंगी। राजनीति में उतरने के इनके एलान से एक सवाल खड़ा हो गया है कि आखिरी ठीकठाक सालाना पैकेज छोड़कर ये सियासत में क्यों उतरना चाहती हैं? डॉ. शालिनी मेडिकल कॉलेज की इकलौती कार्निया ट्रांसप्लांट सर्जन भी हैं। चिकित्सा शिक्षक का सालाना पैकेज 22 से 24 लाख रुपये के बीच होता है। समाजसेवा भी होती है, फिर सियासत क्यों? डॉ. शालिनी का कहना है कि इस बीच मूड बन गया। एनजीओ से भी जुड़कर समाजसेवा करती हैं, लेकिन सेवा का राजनीतिक पटल व्यापक होता है। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग का पैकेज 15-17 लाख रुपये सालाना होता है। इसी सवाल के जवाब में डॉ. कृपा शंकर कहते हैं कि बचपन में सियासत का जेहन रहा है। छात्र जीवन में राजनीति से जुड़े रहे। नौकरी में भी संतुष्टि नहीं मिल पा रही। उनसे जूनियर रहे लोग सीनियर हो गए। इसके साथ ही राजनीति का मन बन गया। वह पूर्व सांसद राजाराम पाल से जुड़े रहे हैं।