सदर तहसील के सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल की मदद से हुई फर्जी वसीयत , मामला कोर्ट में लंबित
जौनपुर ,आज भ्रष्टाचार अपना पैर इस कदर पसार चुका है कि जमीन पर पैर रखते हैं हर सीधा-साधा इंसान भयभीत रहता है कि कहीं हमारा पैर भ्रष्टाचार की दलदल में न फंस जाए क्योंकि आज दुनिया से भरोसा और विश्वास नाम की चीज पूरी तरह से नदारद होती महसूस हो रही है आज बेगानों की तो कोई बात ही नहीं है अपने भी भरोसे के काबिल नहीं है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है इस प्रकरण में दिखाई दे रहा है प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद जौनपुर के थाना सराय ख्वाजा अंतर्गत ग्राम जमुहाई के निवासी शेर बहादुर यादव पुत्र रामकिशोर यादव द्वारा अपने चाचा स्वर्गीय राम निहोर की सारी अचल संपत्ति का फर्जीवाड़ा कर वसीयत कराने का मामला प्रकाश में आया है बताते हैं कि स्वर्गीय राम निहोर की पुत्री उर्मिला देवी स्वर्गीय राम निहोर शेर बहादुर यादव को एकदम पसंद नहीं करते थे फिर भी अपनी सारी चल अचल संपत्ति को अपनी पुत्री उर्मिला देवी से बिना बताए वह भी ऐसी स्थिति में वसीयत किए थे जिस दिन उनके ही परिवार में एक लड़की की शादी थी और स्वर्गीय राम निहोर , शेर बहादुर यादव भी पूरे दिन शादी के कार्यक्रम में लगे रहे इस फर्जीवाड़े में तहसील सदर के सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल की पोल खोल रही है जिसमें उर्मिला देवी ने वसीयत को तरमीन होने से रोकने के लिए तहसील सदर में आपत्ति दर्ज कराई है तथा वसीयत को निरस्त करने के लिए सिविल कोर्ट जौनपुर में दाखिल किया है तथा फर्जीवाड़े पर कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक जौनपुर आवेदन पत्र दिया है आवेदन पत्र की एक एक शब्द प्रकाशित है
सेवा में श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय
जनपद जौनपुर
विषय- प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता की संपत्ति हड़प करने की नियत से चचेरे भाई शेर बहादुर पुत्र रामकिशोर यादव ग्राम जमुहाई थाना सरायख्वाजा परगना हवेली तहसील सदर जिला जौनपुर द्वारा फर्जी तरीके से प्रार्थिनी के पिता से कराई गई वसीयत की शिकायत के संबंध में !
महोदय ,
प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता दो भाई थे रामकिशोर एवं राम निहोर रामकिशोर के तीन लड़के शेर बहादुर वीर बहादुर एवं तेज बहादुर और प्रार्थिनी अपने पिता स्वर्गीय राम निहोर की इकलौती संतान है महोदय आपको सादर अवगत कराना है कि शेर बहादुर यादव अपने क्षेत्र में श्री 420 के नाम से चर्चित है क्योंकि यह एक ऐसा व्यक्ति है जो शायद ही कोई रिश्तेदार यार दोस्त नहीं होगा जिसे शेर बहादुर यादव ने अपनी मुसीबत बता कर चिकनी चुपड़ी बातों से गुमराह कर 10 दिन 20 दिन के लिए पैसा उधार लिया और आज तक फिर उस रिश्तेदार के घर अपना मुंह दिखाने कभी नहीं किया शेर बहादुर यादव दिन रात सिर्फ सीधे-साधे लोगों को गुमराह कर ठगने की नए नए तकनीक खोजते रहते हैं यह कारनामा व गांव में भी कई गरीब लोगों के साथ कर चुका है कभी नौकरी के नाम पर ,कभी किसी काम के लिए ,कभी किसी काम के लिए, जिससे काम ना होने पर गांव के लोग घर पर आने लगे शेर बहादुर के इस कारनामे से प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता गुस्सा हुआ करते थे क्योंकि कई लोगों का उलाहना सुनकर पूरा परिवार शर्मसार होता था शेर बहादुर के इस कृत्य से प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता और शेर बहादुर में हरदम 36 का आंकड़ा बना रहता था प्रार्थिनी के पास कोई सगा भाई नहीं था इसीलिए प्रार्थिनी शेर बहादुर व उनके भाइयों को ही अपना सगा भाई मानती थी ! प्रार्थिनी ने कई बार किसी के ना रहने पर अपने पिता स्वर्गीय राम निहोर से अपनी सारी संपत्ति को अपने जीते जी शेर बहादुर व उनके भाइयों को देने की बात कह चुकी थी जिसके जवाब में प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता ने जवाब दिया था कि शेर बहादुर एक धोखेबाज आदमी है तुम उसके बारे में नहीं जानती अगर तुम्हारे कहने से मैंने शेर बहादुर के नाम अपनी सारी जायदाद वसीयत कर दिया तो जायदाद के चक्कर में मेरी जान ले लेगा मैं चाहता हूं तुम्हारी मां के साथ हम तीनों रजिस्टर ऑफिस में चलें और इस तरह लिखा पढ़ी करे की मेरे मरने के बाद सारी चल अचल संपत्ति हमारी पत्नी के नाम हो जाए तथा पत्नी के जीते जी सारी संपत्ति पत्नी के नाम रहेगी तथा मरने के बाद सारी संपत्ति पुत्री उर्मिला देवी के नाम हो जाएगी प्रार्थिनी ने जब अपने पिताजी को यह कहकर समझाने लगी की पिताजी हमारे पास तो भाई नहीं है शेर बहादुर आदि ही हमारे भाई हैं प्रार्थिनी की इस बात पर प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिताजी जो बात कही थी प्रार्थिनी उसी बात को सोच सोच कर रोती है उन्होंने कहा था बिटिया अगर हमने किसी तरह तुम्हारे कहने से शेर बहादुर को वसीयत कर दिया यह तुम जान लो कि मेरे मरने के बाद जमीन की तरमीन जैसे ही करवाएगा तुम्हारी मां को लात से मारेगा क्योंकि मैं शेर बहादुर और उसके भाइयों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं इसीलिए मैं शेर बहादुर को जमीन देने के पक्ष में कभी नहीं रहूंगा महोदय इतनी दूर की सोच रखने वाले प्रार्थिनी के पिताजी अपनी सारी चल अचल संपत्ति शेर बहादुर को वसीयत कर दे जिसको कभी फूटी आंख से भी देखना पसंद नहीं करते थे फिर शेर बहादुर ने यह वसीयत जिस समय में करवाया था खानदान में एक लड़की की शादी मे पूरे खानदान की छोटे से लेकर बड़े तक सब लोग सुबह शादी वाले कार्यक्रम में लगे थे जिसमें प्रार्थिनी के पिता तथा वसीयत कराने वाले शेर बहादुर का पूरा परिवार था आखिर एक आदमी एक समय पर 2 स्थान पर कैसे रह सकता है ? इतना ही नहीं वसीयत की गवाही करने वाले गवाहों को बुलाकर पूछताछ कर ली जाए तो मामला एकदम स्पष्ट हो जाएगा ऐसे ही तमाम प्रकरण को देखने से यह साबित होता है कि वसीयत फर्जी है जिसमें रजिस्ट्रार के रूप में हस्ताक्षर करने वाले श्रीमान अनिल कुमार लाल जी का पूरा सहयोग है, यदि पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया जाए यह एक संगीन अपराध की श्रेणी में आएगा जिसकी जांच नितांत आवश्यक है शेर बहादुर द्वारा चोरी से कराई गई वसीयत की जानकारी प्रार्थिनी को होते ही प्रार्थिनी ने तत्काल तरमीन पर आपत्ति लगाई तथा माननीय न्यायालय सिविल कोर्ट जौनपुर में वसीयत निरस्ती हेतु प्रार्थिनी द्वारा तहसील सदर व दिवानी मे मुकदमा लम्बीत है जब तक फैसला नहीं होता है तब तक शेर बहादुर आदि को खेत जोतने , बोने से मना किया जाए महोदय से सादर अनुरोध है कि वसीयत कराने वाले शेर बहादुर आदि दोनों गवाह सभाजीत यादव पुत्र स्वर्गीय ललई यादव ग्राम खमपुर थाना बक्सा जिला जौनपुर तथा संजय कुमार सिंह पुत्र राम प्रसाद सिंह ग्राम लेधुआ पोस्ट रीठी थाना सिकरारा जिला जौनपुर की पूरी तरह से सहभागिता निभाने वाले सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल पर मुकदमा पंजीकृत कर जांच उपरांत कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि प्रार्थिनी के साथ किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके तथा फर्जी करने वाले दोषियों को दंड मिल सके प्रार्थिनी महोदय की सदैव आभारी रहेगी!
प्रार्थिनी
उर्मिला देवी पुत्री स्वर्गी राम निहोर
ग्राम जमुहाई परगना हवेली तहसील
सदर जिला जौनपुर
Mo-8299621514