Thursday, November 21, 2024
कविता

वैज्ञानिक बन्धूजन पूरे नभ मण्डल को पढ़ते रहिए

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                                  रवि यादव

वैज्ञानिक बन्धूजन पूरे नभ मण्डल को पढ़ते रहिए।
यही दुआ है चांद,सितारे,सूरज सब पर चढ़ते रहिए।।

भारत शुक्रगुजार आपका अपनी नई सफलता पर,
गर्व देश के जन-जन को है आपकी शक्ति प्रबलता पर।
आज चांद पर झूम झूम कर पुज्य तिरंगा लहर रहा,
शत्रु देश के सिसक रहे अपनी-अपनी दुर्बलता पर।।

छोड़ो कल की बात,नया इतिहास निरंतर गढ़ते रहिए।
यही दुआ है चांद,सितारे,सूरज सब पर चढ़ते रहिए।।

चमक-दमक की खातिर बेशक कनक सदृश तो तपना होगा,
आपका जो सपना है वह अब बस कुछ दिन का सपना होगा।
आपके जरिए आपके हर सपने साकार तो होने ही हैं,
नर निर्माण में देर से ही पर हाथ आपका अपना होगा।।

बिना रुके ही,थके बिना ही आगे चलते-बढ़ते रहिए।
दुआ यही है चांद,सितारे,सूरज सब पर चढ़ते रहिए।।

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