Sunday, December 22, 2024
कविता

कलयुग में साक्षात धरा के रघुराई थे बापू जी

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रवि यादव “प्रीतम”

गर्त गुलामी को आजादी की आशा देने वाले।
सत्य अहिंसा सदाचार को परिभाषा देने वाले।।
सच पूछो तो सारे तीरथ-धाम महात्मा गांधी हैं।
मानवता का एक दूसरा नाम महात्मा गांधी हैं।।

परमेश्वर के अनुपम कृपा-प्रसाद थे प्यारे गांधी जी।
आध्यात्मिक दृष्टि से प्रहलाद थे न्यारे गांधी जी।।
हरिश्चन्द्र के सत्यवाद की परछाई थे बापू जी।
कलयुग में साक्षात धरा के रघुराई थे बापू जी।।
शत्रु के सम्मुख दुर्गम संग्राम महात्मा गांधी हैं।
मानवता का एक दूसरा नाम महात्मा गांधी हैं।।

शुभ संवेदनशील सद्गुणी नैतिकता के मूरत थे।
परोपकारी समाज सेवी सद्चरित्र की सूरत थे।।
उजड़ गया जुल्मों का जंगल जड़ से ऐसी आंधी थे।
बिना शस्त्र शत्रु को मुर्दा करने वाले गांधी थे।।
सदियों के सद्श्रद्धा के परिणाम महात्मा गांधी हैं।
मानवता का एक दूसरा नाम महात्मा गांधी हैं।।