देश के विकास में महिला कृषकों की अहम भूमिका
कृषि विभाग द्वारा मंगलवार को कृषि भवन सभागार में मिशन शक्ति के तहत महिला सम्मान सुरक्षा एवं सशक्तिकरण से सम्बंधित महिला किसान दिवस आयोजित किया गया।महिलाओं को सम्बोधित करते हुए उप परियोजना निदेशक आत्मा डा0 रमेश चंद्र यादव ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं विकासशील देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दुनिया के विकासशील देशो के कई भागों में वे सफल उत्पादन और पशुओं की देखभाल के साथ साथ अपने परिवार के लिए भोजन, जल एवं ईधन की व्यवस्था भी करती हैं। इसके अलावा ग्रामीण महिलाएं बच्चों, बुजुर्गों व वीमार व्यक्ति की देखभाल भी करती हैं, उन्होंने कहा कि जाहिर है कि भुखमरी और गरीबी को समाज से मिटाने के लिए इन महिलाओं को सशक्त बनाना केवल महत्वपूर्ण ही नहीं, बल्कि यह समाज की मांग भी है। इन्हें इनके अधिकारों और अवसरों से बंचित करने का अर्थ बच्चों और समाज के लिए बेहतर भविष्य से इनकार करने जैसा है। सरकार महिला कृषकों के सशक्तिकरण के लिए 15 अक्टूबर को महिला किसान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह एक अत्यंत प्रासंगिक एव सामयिक निर्णय है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के सिंह ने कहा महिलाओं की भागीदारी आज खेती, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन इत्यादि में 60 प्रतिशत से भी अधिक है, परन्तु भूमि का स्वामित्व उनके नाम पर अपेक्षाकृत बहुत ही कम प्रतिशत में है। इसी कारण कृषि गणना में कृषकों की संख्या में उनकी उपस्थिति बहुत कम दिखाई पड़ती है।उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडेय ने बताया कि महिलाओं को कृषि क्षेत्र में भागीदारी को पहचान एवं बढ़ावा देने के लिए कृषि प्रसार सुधार (आत्मा) योजनान्तर्गत राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को फार्म मशीनरी बैंक/कस्टम हायरिंग योजना जिसमें ट्रेक्टर, लेजर लैण्ड लेवलर, फसल अवशेष प्रबंधन के यन्त्र एवं अन्य उपयोगी कृषि यंत्रों के क्रय पर 40-80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है, इसमे महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान की जाती हैं। डा0 सुरेन्द्र प्रताप सोनकर ने बताया कि महिलाओं की कृषि क्षेत्र में भागीदारी को पहचान एवं बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र में एक महिला वैज्ञानिक तैनात करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालयो द्वारा चलाए जा रहे चार वर्षीय गृह विज्ञान के पाठ्यक्रम को कृषि स्नातक की समकक्षता प्रदान कर दी गयी है, जिससे अधिक से अधिक महिलाए कृषि एवं संबंधित क्षेत्र में सरकारी नौकरीयो में स्थान प्राप्त कर सके। कृषि वैज्ञानिक डा. सुरेश कुमार कन्नौजिया ने मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, जैम, जेली एवं मुरब्बा बनाने की विधियों की जानकारी दिया। इससे महिलाएं आत्म निर्भर हो सकती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता दुर्गा मौर्य तथा संचालन साधना खरवार ने किया। जिला उद्यान अधिकारी डा. सीमा सिंह एवं उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी डा. स्वाति पाहुजा ने दो विशिष्ट महिलाओं दुर्गा मौर्या एवं साधना खरवार को सम्मानित किया। इस मौके पर गरिमा सिंह, रीता, उर्मिला, रेखा, सीमा, शुशीला, सरोजा, पार्वती, पूजा आदि महिला किसान उपस्थित रही।