Wednesday, January 15, 2025
जौनपुर

अव्वल नौटंकी बाज है जनपद का स्वास्थ्य विभाग

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जौनपुर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की जब निद्र टूटती है तो उसी तरह झोलाछाप डाक्टरो के उपर दौडता है जैसे अर्ध रात्रि मे नीद से उठने वाला मासूम बच्चा उठते ही सूण्ण्सू के लिए भगता है। ठीक उसी अंदाज मे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन झोला छाप डाक्टरो के साथ करता है। दिखावे के लिए कुछ पर करते है और कुछ पर कार्यवाही शुरू करते है कहने के लिए कार्यवाही दोनो पर हो रही है परंतु हकीकत कुछ और ही है।

प्रदेश सरकार अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है इस क्रम में अक्सर ही जिले के जिलाधिकारीयो के निर्देश पर फर्जी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई होती रहती है छापेमारी में मानक के उलट चलाए जा रहे अस्पतालो को सीज भी किया जाता है तथा कुछ को नोटिस रूपी चुरन और निर्देश रूपी गोली देकर छोड दिया जाता है। फिर सिलसिला आरम्भ होता है अपनी छबी को दिखाने की कि हमने सरकार के निर्देशो का कितनी तन्मयता से पालन किया है यह सारा दिखावा विभाग के बड़े अधिकारी करते है चाहे वह जिला के जिलाधिकारी हो अथवा स्वास्थ्य विभाग के सी.एम.ओ.। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की चुस्त दुरूस्त कार्यवाही देखकर बड़ी हसी आती है और आम इंसान जिसे कानून का थोड़ा भी ज्ञान है वह सोचने पर मजबूर होता है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन आज जिसको मानक विहिन अस्पताल बता रहे है मानक विहिन होते हुए उनका पंजीकरण किसने किया ? यह अपने आप मे एक बहुत बड़ा सवाल है मगर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इस सवाल की तरफ ध्यान नही देगे क्योकि ध्यान दिये तो उनकी अपनी ही पोल खुलती जनर आएगी। आज जनपद जौनपुर मे अगर देखा जाये तो कुकुरमुत्ते कि तरह प्राइवेट हास्पिटल एवं स्कूल का जाल फैल रहा है जिसमे सब के सब अज्ञान और अशिक्षित लोग संचालन कर रहे है लेकिन उनको संचालन करने की मान्यता किसने दिया क्या इस बात पर जिला प्रशासन कभी ध्यान नही करता है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के इस रवैये को देख कर तो यही समझ मे आता है कि जो अपने हांथ से पानी मे डुबोया मुझको ,वही ढूढ रहे है मुझे कस्ती लेकर।