कलयुग में राम के नाम से ही होगा बेड़ा पार— पंडित सीताराम शरण जी महाराज
शहर से सेट के ग्राम सभा पुर बेदूआ के शिव धाम में संगीतमय राम कथा का श्रद्धालुओं ने रसपान किया। कथावाचक पंडित सीतारामशरण जी महाराज ने कहा कि राम कथा विश्व कल्याणदायनी है, लोक मंगलकारी है। प्रभु श्रीराम का आचरण एवं व्यवहार अपनाने से जीवन आनंदमय हो जाता है। गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज ने श्रीराम कथा के माध्यम से मानव जीवन संबंधों की महत्ता स्थापित की है यही वजह है कि श्रीरामचरित मानस में गुरु, माता-पिता, पुत्र-पुत्री, भाई, मित्र, पति-पत्नी आदि का कर्तव्य बोध एवं सदाचरण की सीख हमें सर्वत्र मिलती है। कथा में उन्होंने बताया कि भक्ति मार्ग में सुख शांति का प्रभा है, जहां आनंद की शीतल छाया मिलती है। तुलसीदास ने रामचरितमानस में श्रद्धा को भवानी और विश्वास को शंकर का प्रतिरूप मानते हुए दोनों की समवेत वंदना की है। कहा कि परमात्मा से जुड़ने के लिए श्रद्धा और विश्वास ही तो साधन बनता है। कथा की सार्थकता तब सिद्ध होती है, जब इसे हम दैनिक जीवन के व्यवहार में शामिल करते हैं। राम कथा सुनने से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और मन में शांति व मुक्ति मिलती है। भगवान राम का प्रिय भक्त बनना है तो हनुमान के चरित्र से सीख लेनी होगी। राम कथा के द्वितीय दिवस में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गुरुवार के दोपहर से ही भक्तों का तांता लगा रहा। मुख्य यजमान अजय तिवारी एवं संजय त्रिपाठी की देखरेख में सात दिवसीय राम कथा का आयोजन चल रहा है । मुख्य यजमान ने बताया कि भगवान राम के सुमिरन और गुणगान से लोगों का भला हो सकता है। इस अवसर पर संयोजक करता सोमू पांडे सहयोग करता राहुल त्रिपाठी सुरेश पांडे अंकित शुक्ला समेत आदि लोग मौजूद रहे।