ग़ज़ल
Top Banner
हीरालाल यादव हीरा
देख लग जाए न सदमा कोई धोखे वाला
दौर दुनिया में नहीं अब है भरोसे वाला
मतलबी समझे जहां मुझको,बला से मेरी
सौदा मंजूर नहीं है मुझे घाटे वाला
ज़िन्दगी एक है तूफ़ानी समंदर इससे
पार बस होता है मजबूत इरादे वाला
सब्र करने से तो इनकार नहीं है लेकिन
सब्र का फल भी कोई आ के दे मीठे वाला
राह के रोड़े सभी दूर हटा कर इक दिन
सिक्का दुनिया में जमा लेगा ज़माने वाला
शायरी से न तेरी ज़ीस्त चलेगी हीरा
सीख ले कोई हुनर पैसे कमाने वाला