Friday, November 22, 2024
उत्तर प्रदेशप्रतापगढ़

Journalist Council of India submitted a memorandum to the Governor in protest against the brutal murder of a journalist in Bihar

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बिहार में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू लागू करने की मांग।

बिहार में बीते 25 जून की रात मुजफ्फरपुर के मनियारी थाना क्षेत्र के रहने वाले पत्रकार शिवशंकर झा की चाकू से गोद कर नृशंस हत्या के विरोध में जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के बिहार सांयोजक कुणाल भगत राज्यपाल सचिवालय जाकर राज्यपाल महोदय को अपनी टीम के साथ ज्ञापन देने पहुचें पर उनकी अनुपस्थिति में राज्यपाल महोदय के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर हत्यारों को स्पीडी ट्रायल के द्वारा सजा देने और उनके आश्रितों को सरकारी राजकोष से आर्थिक सहायता सरकार द्वारा यथाशीघ्र प्रदान करने की मांग की है। साथ ही बिहार में शीघ्र ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का अनुरोध किया।ज्ञापन सौंपने वाली टीम में कुणाल भगत के साथ राजीव मिश्रा, एडिशन कुमार , विक्रम सिंह आदि राज्य के वरिष्ठ पत्रकार थे।


ज्ञापन में कहा गया है कि इस हत्याकांड से पूरा पत्रकार जगत हतप्रभ है। मंगलवार की रात घर से महज चंद कदम की दूरी पर बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया। पुलिस शराब माफिया पर हत्या की आशंका जता रही है।
इस तरह की घटना पहले भी बिहार में हो चुकी है और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भरे रवैये से ऐसी घटना बढ़ती जा रही है। वही जेसीआई के बिहार संयोजक कुणाल भगत ने कहा कि जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया का मानना है कि इस समय अगर लोकतंत्र के चौथे खंभे को बचाना है तो पत्रकार सुरक्षा कानून को अति शीघ्र बिहार में लागू करना ही होगा ।

जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया की बिहार इकाई की मांग है कि पत्रकार शिवनन्दन झा के हत्यारों को स्पीडी ट्रायल के द्वारा सजा मिले और उनके आश्रितों को सरकारी राजकोष से आर्थिक सहायता सरकार द्वारा यथाशीघ्र दिया जाए।संगठन आशा करता है कि आप गंभीरतापूर्वक इस पर विचार करके उचित कार्यवाही करेंगे। आए दिनों बिहार में पत्रकारों के ऊपर इस तरह की घटनाएं बढ़ गई है जिसको लेकर संगठन मुखर हुआ है। वही जेसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. अनुराग सक्सेना ने कहा कि हमारा संगठन भारत सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों से पत्रकार सुरक्षा कानून तुरंत लागू करने की मांग करता रहा है पर राज्य सरकारें इस पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को जान का खतरा बना रहता है।