एक दंपति अपने ही घर में कैद है 1साल से
*बाहर निकलने के लिए नहीं है कोई दरवाजा, वजह सुन हो जाएंगे हैरान*
बिहार के गया में एक वृद्ध दंपति पिछले एक साल से अपने घर में ही कैद हो गए हैं. यह पूरी कहानी जिले के बोधगया प्रखंड क्षेत्र के बापू नगर की है, जहां पिछले 1 साल से एक दंपत्ति अपने ही घर में कैद हो गए हैं.
*कुंदन कुमार … आर्यन सेठ … गया …. बिहार*
गया में एक वृद्ध दंपति पिछले एक साल से अपने घर में ही कैद हो गए हैं. यह पूरी कहानी जिले के बोधगया प्रखंड क्षेत्र के बापू नगर की है, जहां सालों से घर बना कर रह रहे अरुण कुमार सिंह और देव मुनी देवी आईआईएम की बाउंड्री वॉल के कारण घर में ही कैद हो गए हैं. घर से बाहर निकलने के लिए इनके पास कोई रास्ता नहीं है. घर के तीन दिशा में रैयती जमीन है, जबकि सामने आईआईएम की जमीन है. आईआईएम को जमीन मिलने से पहले इनके घर के सामने गया डोभी रोड से महुरर गांव को जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क थी और गांव के लोग इसी रास्ते से आवागमन करते थे. लेकिन आईआईएम को जमीन मिलने के बाद उस सड़क को भी अपने बाउंड्री वॉल के अंदर कर दिया और गांव वालों के लिए पीछे से सड़क का निर्माण कर दिया.
*वृद्ध दंपति के पास आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं*
गांव के अन्य लोग नये रास्ते से आवागमन करने लगे. लेकिन इस वृद्ध दंपति के पास आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा. घर के सामने से जो रास्ता था, उसे भी बंद कर दिया गया है. इनके घर के पीछे, दायें, बायें रैयती जमीन है. रैयतदार इन्हें निकलने के लिए कोई जगह नहीं दे रहे हैं. ऐसे में यह दंपति पिछले एक साल से घर में ही कैद हैं. जैसे-तैसे इनके राशन-पानी का इंतजाम हो रहा है. कभी गांव के कोई लोग मदद करते हैं, तो कभी कोई सगे सम्बन्धी मदद करते हैं. हालांकि इस परेशानी को लेकर इन्होंने कई बार जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. लेकिन इसका समाधान अभी तक नहीं निकल सका है.
*क्या कहते हैं जिलाधिकारी*……
अरुण कुमार सिंह मगध विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और 1986 में उन्होंने इस जमीन को खरीदी थी. 2004 के आस-पास वो यहां घर बनाकर रह रहे हैं. लेकिन पिछले एक साल से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. उनकी पत्नी लंबे समय से बीमार हैं, चल फिर भी नहीं सकती हैं और देख-रेख करने वाले भी कोई नहीं है. इस सम्बन्ध में गया के जिला पदाधिकारी डाॅ. त्यागराजन एसएम से बात की, तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एसडीओ और सीओ को वहां भेजा गया था. हमलोग रैयतदार से बातचीत कर हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं. यहां पर स्थित दो घरों का मामला अटका हुआ है और हमलोग इसका समाधान कर रहे हैं.