अजब गजब
*बाथरूम की सफाई कर रहा था शख्स……. जैसे ही हटाया लकड़ी का दरवाजा, छुपा मिला 700 साल पुराना ‘खजाना*’…….
*देख उड़े होश!*
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बाथरूम की सफाई के दौरान ऐसी चीज मिली कि देखकर होश उड़ गए. जब उन्होंने इसके बारे में लोगों को बताया तो किसी ने कहा, यह 700 साल पुराना ‘खजाना’ है. तो किसी ने सलाह दी कि छोड़कर निकल जाइए. यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है.
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*ज्ञानेन्द्र मिश्र*
हम जिस घर में रहते हैं, उसका कोना-कोना छान मारते हैं. आजकल तो घर भी छोटे होते हैं, इसलिए लोग अक्सर पूरी सफाई कराते रहते हैं. लेकिन सोचिए सफाई करते वक्त कोई ऐसी चीज आपको दिख जाए, जिसके बारे में पता न हो तो कैसा लगेगा? शॉक्ड तो होंगे ही. एक शख्स के साथ ऐसा ही हुआ. जिस घर में रह रहे थे, अचानक बाथरूम की सफाई के दौरान उसमें ऐसी चीज मिली कि देखकर होश उड़ गए. जब उन्होंने इसके बारे में लोगों को बताया तो किसी ने कहा, यह 700 साल पुराना ‘खजाना’ है. तो किसी ने सलाह दी कि छोड़कर निकल जाइए. यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है.
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड के रहने वाले ट्रेसी और रोरी वोर्स्टर ने हाल ही में विकर्स कोर्ट पर एक घर लिया. रोजाना साफ सफाई करते थे. लेकिन कभी उन्हें कुछ अजीब नहीं मिला. एक दिन रोरी शौचालय की सफाई कर रहा था. तभी उसे शेल्फ पर लकड़ी का एक सीक्रेट दरवाजा नजर आया. दरवाजा हटाते ही रोरी चिल्ला उठा. पत्नी को बुलाया. कहा-जल्दी आओ, मुझे एक अजीबोगरीब चीज मिली है. उसने भी जब देखा, तो दंग रह गई. ऐसी चीज दोनों ने कभी नहीं देखी थी.
*पत्थर की नक्कासीदार भयावह आकृति*…….
रोरी ने बताया कि लकड़ी के दरवाजे के नीचे पत्थर की नक्कासीदार एक भयावह आकृति बनी हुई थी. हमें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था. क्योंकि ऐसी चीज हमने कभी नहीं देखी थी. कुछ लोगों से हमने सुना था कि यह भुतहा घर है. कई लोगों ने हमें इसमें रहने से भी रोका था. लेकिन हमें कभी कुछ नजर नहीं आया. क्योंकि इसके पहले यहां जो शख्स रहता था, वह 20 साल तक इसी घर में रहा. रोरी ने तुरंत फेसबुक पर इसकी फोटो डालकर पूछा कि आखिर ये है क्या? लोगों ने अपनी अपनी जानकारी के हिसाब से जवाब दिया. किसी ने कहा कि यह सिंक है. तो किसी ने कहा, यहां कोई पादरी रहता होगा. उसने अपने लिए यह जगह बनवाई होगी.
*यह एक पादरी का घर था*……
घर के वर्षों तक मालिक रहे लिंकन कैथेड्रल ने बताया कि यह एक पादरी का घर था. उस वक्त नाली बनाई जाती थी और उसे इस तरह की नक्कासीदार प्लेट से ढंका जाता था. कई लोग इसमें देवताओं की मूर्तियां भी लगाते थे. 14वीं शताब्दी में इस पादरी ने भी शायद यही कोशिश की होगी. यह कोई शैतान का मुखौटा नहीं है. ट्रेसी ने कहा, हमारी योजना इसे फेंकने की नहीं है. हम इसे अपने घर में रखना चाहते हैं. सजाना चाहते हैं, ताकि कोई आए तो उसे दिखा सकें. हमारे लिए यह किसी खजाने से कम नहीं.