बाबाभीम राव अंबेडकर और cAA नागरिकता संसोधन बिल
ऐतिहासिक CAA बिल आज देश में लागू कर दिया गया। वास्तव में यह बिल एक तरह से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का स्वप्न था, बाबा साहब ने देश बंटवारे के समय संपूर्ण हिंदू समाज को भारत में रखने के पक्षधर थे। इसको लेकर उनकी कांग्रेस के नेताओं से तीखी नोंकझोक होती रहती थी, बाबा साहब सदैव अनुसूचित जाति जनजाति के बंधु जो बहुत बड़ी संख्या में पाकिस्तान में रह गए थे उनके लिए चिंतित रहते थे। जोगेंद्र नाथ मंडल से बाबा साहब की बहुत बार वार्ता केवल इसी विषय को लेकर होती थी।
वास्तव में सर्वाधिक प्रताड़ित अनुसूचित जाति जनजाति के बंधु जो आजादी के बाद पाकिस्तान की प्रताड़ना से पीड़ित होकर भारत आए पीढीयों से वह नागरिकता लेने के लिए तरस रहे थे।
अनुसूचित जाति जनजाति के नाम पर राज करने वाली राजनीतिक पार्टियां केवल झुनझुना थमाकर हर बार सत्ता में भागीदारी कर रही थी। इस समाज को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर इसका भरपूर इस्तेमाल किया गया। विडंबना रही इस समाज की, की इसको योग्य नेतृत्व कभी मिला ही नहीं, जो नेतृत्वकर्ता मिले उन्होंने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ से समाज को लील लिया।
समय रहते मोदी जी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है सभी अनुसूचित जाति जनजाति बंधु आज इस सरकार के ऋणी हो गए हैं। जिन्होंने यह ऐतिहासिक बिल देश में लागू कर लाखों भटकने वाले अनुसूचित जाति जनजाति परिवारों को जीवन दान दिया है।
*बारबांर कोटि-कोटि आभार।*