बिना बोर्ड के अनुमोदन के निकाले गए टेंडर को निरस्त करने और त्रिस्तरीय कमेटी का गठन कर जांच कराने की मांग
दस से अधिक सभासद ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर की शिकायत
मानधाता
जिलाधिकारी को भेजे पत्र मे सभासदो ने लिखा है कि मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना अन्तर्गत नवसृजित नगर पंचायत को 20/10/2023 को धनराशि अव मुक्त की गयी थी और नगर पंचायत कार्यालय से 23/24 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना अन्तर्गत अवसर मुक्त धनराशि के सापेक्ष मे टेंडर निकाला गया / शासनादेश है की बोर्ड के अनुमोदन के बाद कार्य प्रारम्भ सभासदो का कहना है कि जब शासनादेश है कि नगर पंचायत की एक बैठक प्रत्येक माह होनी चाहिए, फिर भी 1/11/23 के बाद कोई बैठक नही हुई और 23/12/23 को बगैर बोर्ड की बैठक के अधिशाषी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा टेंडर निकाल दिया गया जो की शासनादेश का उल्लंघन है, सभासदो ने शिकायत पत्र मे लिखा है की डीपीआर का गठन निकाय द्वारा गठित बोर्ड के अनुमोदन लेने के बाद होना चाहिए लेकिन अधिशाषी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष ने मनमर्जी तरीके से डीपीआर का चयन कर शासन को भेज देते है , सभासदो ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र मे स्पष्ट लिखा है कि बगैर बोर्ड के अनुमोदन के कोई कार्य प्रारम्भ न किया जाए और न ही टेंडर निकाले जाए और न डीपीआर का चयन किया जाए, सभासदो ने 23/24 दिसंबर 2023 को निकाले गए टेंडर को निरस्त करने और त्रिस्तरीय कमेटी गठित कर जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है/ सभासद कुलदीप यादव ने बताया कि लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए सभासद का अपमान हो रहा है, शासनादेश की अनदेखी की जा रही है बगैर बोर्ड के अनुमोदन के विषय को पास करना और लगातार कई महिने से बोर्ड की बैठक न आहूत करना यह सब मनमानी कार्यभार और भ्रष्टाचार की संभावना की ओर इशारा करता है ।