चक्कर आना और माइग्रेन
सूखी आँवला छह ग्राम धनिया सूखा दाने वाला छह ग्राम लेकर अधकूट करके रात में मिट्टी के बर्तन में अढाई सौ ग्राम पानी में भिगो दें। प्रातः मसलकर और छानकर, दो चम्मच पिसी हुई मिश्री मिलाकर पीने से चक्कर आने बंद हो जाते है चाहे वो किसी भी कारण से आते हो।
यदि पेट कि गड़बड़ के कारण चक्कर आते हों, तो आधा गिलास गरम पानी में एक नींबू निचोड़कर पीने से लाभ होता है। पच्चीस ग्राम मुन्नको को देशी घी में सेंक कर और सेंधा नमक डालकर खाने से चक्कर आना बंद हो जाता है।
यदि गर्मियों में चक्कर आते हो, जी घबराता हो तो आँवले का शर्बत पीने से लाभ होता है।
सिर के जिस तरफ के भाग में दर्द हो, उस तरफ के नथूने में 6-8 बूंद सरसों का तेल डालने अथवा सुँघने से दर्द एकदम बंद हो जाएगा। यह क्रिया 4-5 दिन करने से मायग्रैन का दर्द दूर हो जाता है।
देशी घी की 2-4 बूंद नाक में रुई से टपकाने से अथवा सूँघने से मायग्रैन का दर्द जड़ से चला जाता है। इस प्रक्रिया को कम से कम एक सप्ताह अवश्य करें।
लहसुन को पीसकर दर्द वाले भाग (आधे सिर) पर मलने से दर्द कपूर की तरह उड़ जाता है। इस प्रयोग को कई बार भी करना पड़ सकता है।