पान खाये संतुलन बनाये रखे
इसकी पत्तियों के कटु, उष्ण और क्षारीय गुण इसे औरों से अलग करते हैं तथा इसे खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
यह कफ का भी नाश करता है अक्सर आपने देखा होगा कि किसी भारी खाने के बाद आप पान खाने जाते है, क्योंकि इसे खाने से खाना जल्दी से पच जाता है।
यह भूख बढ़ाने के साथ ही खाने में रुचि को बढ़ाता है।
हाँ पुराने और नए पान के पत्तों में भी प्रभाव अलग-अलग होते है। पुराना पान रुचिकारक, सुगन्धित, कामोद्दीपक और मुंह को शुद्ध करने वाला होता है, जबकि नए पान के पत्ते स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं।
-हृदय की दुर्बलता में इसका प्रयोग लाभदायक है।
-पान की जड़ को मुलेठी के चूर्ण के साथ शहद मिलाकर देने से सर्दी-जुखाम एवं गले की खराश में लाभ मिलता है। गाने में रूचि रखनेवालों के लिए यह श्रेष्ठ औषधि है।
-पान के पत्तों को चूसने पर यह लार (सेलिवा) को निकालने में मददगार होती है ,जिससे भोजन का पाचन ठीक ढंग से होता है।
-पान का शरबत हृदय को बल देता है। यह कफ दोष का शमन करता है तथा अग्नि को दीप्त करता है अर्थात भूख को बढ़ाता है।
-हाँ, इसे अधिक खाने से इसमें पाया जानेवाला हेपेक्साइन नुकसान पहुंचता है अधिक पान खाना भी एक व्यसन है और अहितकर भी।
–अगर पान के पत्ते को काली मिर्च के दानों के साथ खाएं, तो यह 8 हफ्तों में मोटापा कम कर देगा।
–पान के पत्ते बहुत शक्तिशाली गुणों से भरे होते हैं, यह और उचित हाजमें के लिये जाने जाते हैं।
–पान के पत्ते शरीर का मेटाबॉलिज्म बढाते हैं तथा पेट में एसिडिटी होने से रोकते हैं। खाने खाने के बाद आप पान के पत्ते को जैसे ही मुंह में डालते हैं, यह तुरंत अपना असर दिखाना शुरु कर देता है। इसे खाने से मुंह में थूक बनने लगता है और यह पेट को खाना पचाने के लिये दिमाग को सिगनल भेज देता है। यह शरीर से विशैले पदार्थों को भी निकालने में सहायक है।