Monday, December 23, 2024
हीरा का पन्ना

ग़ज़ल

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हीरालाल यादव हीरा

दूर हो कर भी पास लगता है
दिल में उसका निवास लगता है

कुछ ख़लिश है ज़रूर सीने में
जो तू इतना उदास लगता है

दौर ए हाज़िर में हर बशर को ही
आ रहा झूठ रास लगता है

आज फैशन का हाल है कुछ यूँ
आदमी बेलिबास लगता है

कोई शिकवा-गिला नहीं करता
दिल मेरा ग़म-शनास लगता है

अपना महबूब हर किसी को ही
सारी दुनिया से खास लगता है

अब भी दुनिया पे है यकीं हीरा
हो चुका बदहवास लगता है