Monday, December 23, 2024
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किस्मत की जंग जीतने वाले जूनियर महमूद, आखिर कैंसर से हार गए जिन्दगी की जंग

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अपने जमाने के जाने माने जूनियर आर्टिस्ट और बॉलीवुड स्टार जूनियर महमूद का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। वो कैंसर से पीड़ित थे , 70 और 80 के दशक के चाइल्ड आर्टिस्ट और हिन्दी सिनेमा में कॉमेडी के पितामाह कहे जाने वाले महमूद का नाम रखकर शोहरत की बुलंदी को चूमने वाले जूनियर महमूद नहीं रहे। जूनियर महमूद का बीती रात 2 बजे निधन हो गया। वो पिछले काफी अरसे से बीमार थे और पेट के कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। जूनियर महमूद के निधन की पुष्टि खुद उनके एक परिवार के मित्र ने की।

कैंसर से जूझ रहे थे जूनियर महमूद

जूनियर महमूद के बचपन के दोस्त सलाम काजी ने बताया कि उन्हें दो महीने से तकलीफ थी। शुरु शुरू में यही लगा कि कोई छोटी मोटी समस्या होगी लेकिन बाद में जब उनका वजन तेजी से कम होने लगा तो जांच करवाई। मेडिकल रिपोर्ट आई तो उसमें उन्हें लीवर और फेफड़ों का कैंसर हुआ था। इसके अलावा उन्हें आंत के ट्यूमर और पीलिया भी हो गया था।

फैन्स को खबर से मायूसी हुई

उनके लिए सलामती की दुआ कर रहे लोगों को उनकी मौत की खबर ने बुरी तरह से मायूस किया है। देवानंद से लेकर संजय दत्त तक न जाने कितने बड़े और नामी एक्टर के साथ काम करने वाले जूनियर महमूद की बीमारी के बारे में सुनने के बाद अपने दौर के सुपर स्टार जितेंद्र और उनकी ही तरह चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर खूब नाम कमाने वाले मास्टर राजू भी उनसे मिलने उनके पास पहुँचे थे। जैसे ही जितेंद्र और मास्टर राजू के मिलने के बारे में खबर मीडिया के जरिए फैली तो जूनियर महमूद के फैंस उनकी सलामती की दुआ करने लगे थे। मगर उनकी हालत बहुत तेजी से बिगड़ने लगी थी। डॉक्टरों ने मेडिकल रिपोर्ट के आने के बाद ही कह दिया था कि वो 40 दिन से ज़्यादा नहीं जी पाएंगे। अपनी अदाकारी और कॉमिक टाइमिंग की वजह से बड़े बड़े सुपर स्टार का दिल जीतने वाले जूनियर महमूद उन अभिनेताओं में शुमार किए जाते थे जो अपने दौर में मेन एक्टर जैसे या उनसे भी ज्यादा पॉपुलर हो गए थे।

250 से भी ज़्यादा फिल्मों में किया काम

जूनियर महमूद का असली नाम नईम सैय्यद था। 15 नवंबर 1956 को जन्मे जूनियर महमूद अपने पीछे अपना परिवार छोड़ गए हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे, बहू और 1 पोता है। उनकी अदाकारी और उनकी कॉमिक टाइमिंग के अलावा महमूद की स्टाइल को हू ब हू उतारने की उनकी कलाकारी की वजह से ही जॉनी वॉकर और देवानंद ने उन्हें जूनियर महमूद का नाम दिया था, और बाद में वो इसी नाम से ही बॉलीवुड में नाम कमाते चले गए। 1967 में नौनिहाल फिल्म से पर्दे पर कदम रखने वाले जूनियर महमूद ने अपने जीवन काल में करीब 250 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया। ऐसा कोई अभिनेता नहीं था जिसके साथ जूनियर महमूद ने काम न किया हो और उसका दिल न जीता है।