Light the lamp of education in every home and stop child marriage- Kalakant Ojha, daughters should also get equal rights as sons- Nidhi Nayak
हर घर में शिक्षा का दीप जलाएं बाल विवाह बंद कराएं-कलाकांत ओझा
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बेटियों को भी बेटों के बराबर समान अधिकार मिलना चाहिए-निधि नायक
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पट्टी (प्रतापगढ़)
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के साप्ताहिक उत्सव पर तरुण चेतना द्वारा भगवती प्रसाद बालिका इंटर कॉलेज पृथ्वीगंज बाजार में बालिकाओं के अधिकार को लेकर बाल विवाह पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं पंडित कलाकांत ओझा ने कहा कि बाल विवाह जैसे को प्रथा को जड़ से खत्म करने की जरूरत है यह सभ्य समाज के लिए एक अभिशाप है। हर घर में शिक्षा का दीप जलाओ बाल विवाह को बंद कराओ।
इसी क्रम में बाल अधिकार परियोजना के कोऑर्डिनेटर शिव शंकर चौरसिया ने कहा कि ने बाल विवाह पर चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी इंसान की जिंदगी में आजादी एवं बराबरी और सम्मान का अधिकार है मानवाधिकार है। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा भी देती है।
मैसवा मैन हकीम अंसारी ने
ने बेटियों का उत्सवर्धन करते हुए कहा कि तूफान आता है तो दिन रात बदल जाता है। जब गरजती है नारी शक्ति तो इतिहास बदल जाता हैं। अंसारी ने कहा कि बाल विवाह का सीधा असर न केवल लड़कियों पर, बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी होता हैं।
स्कूल से निकल जाने की संभावना बढ़ जाती है। उसे बेटी की गतिशीलता चहार दिवारी में कैद होकर रह जाती है।
श्याम शंकर शुक्ला ने बताया कि
1961, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, हिंदू विवाह अधिनियम यह सभी अधिनियम मानव अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। मानव अधिकार सुनिश्चित हो हम सब की जिम्मेदारी है।
अंत में भगवती प्रसाद बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य महोदया निधि नायक ने बेटियों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि बेटियों के अधिकार बिना हर बदलाव अधूरा है बेटियों को भी लड़कों के बराबर समान अधिकार मिलना चाहिए। नायक ने संबोधित करते हुए कहा कि स्त्री पुरुष एक गाड़ी के दो पहिए हैं जिसमें दोनों का बराबर योगदान रहता है। कार्यक्रम में उप प्रधानाचार्य गणेश प्रताप सिंह, प्रवक्ता दिनेश मिश्रा, लिपिक मंटू कुमार, ने भी अपने विचार व्यक्त किया।