Sunday, December 22, 2024
अपराधचर्चित समाचार

दोस्त संग विदेश जाने के लिए रची थी छात्रा ने किडनैप की झूठी कहानी

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कोटा से झूठे अपहरण के केस में गायब हुई शिवपुरी की छात्रा और उसके दोस्त को क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को बरामद कर लिया। 15 दिनों से दोनों को कोटा पुलिस और इंदौर की क्राइम ब्रांच तलाश रही थी। पुलिस ने दोनों को उनकी लोकेशन ट्रेस करके दबोचा है।

ऐसे दबोची गई काव्या

दरअसल काव्या और उसक दोस्त के पकड़े जाने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। असल में इंदौर से काव्या अपने दोस्त हर्षित के साथ भागकर अमृतसर चली गई थी। अमृतसर में रहने के बाद जब पैसों की तंगी आई तो वहां से वापस इंदौर के पास खुडै़ल थाना क्षेत्र में अपनी एक दोस्त के यहां रहने लगी। इंदौर में भी पैसों की तंगी से परेशान हो गई थी।

दोस्त के फोन से भेजा सुसाइड का मैसेज

इसके बाद ही काव्या ने अपनी महिला मित्र के मोबाइल से आत्महत्या करने का मैसेज अपने पिता को भेज दिया। इसे इंदौर क्राइम ब्रांच ने ट्रेस कर लिया। लोकेशन इंदौर से 15 किलोमीटर दूर खुड़ैल इलाके की निकली। पुलिस ने उसी लोकेशन पर दबिश डालकर काव्या उसके दोस्त हर्षित को पकड़ लिया।

इसलिए बनाया था किडनैपिंग का प्लान

इंदौर में पुलिस ने काव्या से संपर्क रखने वाले लड़कों को जब पकड़ा तो उन लोगों ने कोटा पुलिस को बताया था कि जिस युवती को माता-पिता ने पढ़ने के लिए कोटा में भेजा वो  छात्रा कोटा में नहीं रही रही थी बल्कि वह अपने दोस्त हर्षित के साथ लिव इन में रहती थी। काव्या को नीट एग्जाम में फेल होने का डर था, इसलिए उसने अपने ही घरवालों से 30 लाख रुपए की फिरौती मांगने का और किडनैपिंग का प्लान बनाया था।

कोटा की तस्वीर भेजकर जीता भरोसा

काव्या के बारे पुलिस ने बताया कि अपने अपहरण की कहानी गढ़ने के दौरान काव्या ने ऐसी शातिर चाल चली थी, जिसने अपने माता पिता को पूरा यकीन दिला दिया था कि वो कोटा में ही है और वहीं रह कर पढ़ाई कर रही थी। काव्या अपने माता-पिता को कोटा की अलग अलग जगहों की तस्वीरें और मैसेज भेजती रहती थी। ये सिलसिला उसने तीन चार महीनों तक चला। हालांकि सीसीटीवी फुटेज से सुराग ये मिला था कि जिन तारीखों के दौरान छात्रा काव्या अपने दोस्त के साथ इंदौर में थी।

इंदौर में मिली छात्रा दोस्त के साथ

इंदौर क्राइम ब्रांच के पुलिस अफसर डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि कोटा पुलिस ने शिवपुरी की उस छात्रा काव्या और उसके दोस्त हर्षित की तलाश तेज कर दी थी। पुलिस ने इन दोनों को इंदौर के ही खुड़ैल थाना इलाके से पकड़ा। लेकिन पुलिस की जांच में ये पता चला है कि दोनों 19 मार्च को तो इंदौर में थे लेकिन इसके बाद वो दोनों ट्रेन से पंजाब के अमृतसर चले गए थे। अमृतसर में दोनों गुरुद्वारे में रुके थे। पुलिस के मुताबिक वो दोनों दो दिन पहले ही इंदौर वापस लौटे और पुलिस के चंगुल में आ गए।

विदेश जाकर पढ़ने के लिए रचा स्वांग

पुलिस का खुलासा यही है कि शिवपुरी की उस लड़की ने विदेश में जाकर पढ़ाई करने के लिए ये सारा नाटक रचा था। बकौल पुलिस अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक काव्या अपने दोस्त हर्षित के साथ विदेश में जाकर मेडिकल की पढ़ाई करना चाहती थी। लेकिन उसके घरवाले उसके इस फैसले के खिलाफ थे। तब काव्या ने अपने दोस्त के साथ मिलकर खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची थी ताकि वो अपने पिता से पैसे हासिल कर सके। पुलिस की जानकारी के मुताबिक किडनैप की उस कहानी में जिस खाते में पैसे जमा करने की बात लिखी गई थी, वो खाता भी उसी लड़की का है।

सीसीटीवी में कैद हुए थे दोनों

पुलिस की तफ्तीश का खुलासा यही है कि 19 मार्च को भंवरकुआं स्थित दीक्षा हॉस्टल के बाहर छात्रा और उसके साथी सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। और तभी से पुलिस दोनों की तलाश में भटक रही थी। हालांकि पुलिस अब उन दोनों से ये पता लगाने की कोशिश कर रही है  कि ये दोनों इन 15 दिनों के दौरान आखिर कहां कहां गए और कहां कहां कैसे कैसे टिके।

जयपुर जाने की मिली थी खबर

इसी बीच कोटा एसपी अमृता दुहन ने बताया था कि काव्या 17 मार्च को अपने साथी के साथ जयपुर गई थी और दूसरे दिन इंदौर आ गई। असल में कोटा में जब छात्रा की तलाश के दौरान जब वो नहीं मिली थी तो एसपी ने उसके बारे में जानकारी साझा करने की अपील की थी। कोटा से एक छात्रा के किडनैपिंग की जब खबर सामने आई थी और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वो सनसनीखेज वाकया वायरल हो गया था। उस खबर के साथ 30 लाख रुपये की फिरौती का भी जिक्र था। साथ में एक तस्वीर थी जिसमें छात्रा को रस्सियों से बांधा हुआ था। फिरौती की चिट्ठी में येभी लिखा था कि अगर बच्ची की सलामती चाहते हो तो 30 लाख रुपये दे दो।

दिल्ली तक मचा था हड़कंप

इस खबर ने राजस्थान के कोटा से लेकर मध्य प्रदेश के शिवपुरी तक हड़कंप मचा दिया था। दिल्ली के सियासी गलियारों में भी उस किडनैपिंग केस की चर्चा होने लगी। अभी तक तो कोटा से खुदकुशी की ही खबरें सामने आ रहीं थी लेकिन अचानक चुनाव के माहौल के बीच किसी छात्रा के अगवा किए जाने की खबर ने सारे सिस्टम को झकझोर कर रख दिया था।

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