Friday, November 22, 2024
हीरा का पन्ना

गजल

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हीरालाल यादव ‘हीरा’

दिल ने जब दर्द का अफसाना सुनाया होगा
अश्क़ आँखों में उसी दम उतर आया होगा

यूँ हीं सपनों ने क़दम पीछे न खींचे होंगे
आइना उनको हक़ीक़त ने दिखाया होगा

हुस्न की नज़रों में कुछ देख इशारे हाँ के
हौसला दिल ने उमीदों का बढ़ाया होगा

आज मेला है मगर जाएँगे दुनिया से जब
साथ इंसान न इंसान का साया होगा

राह ए उल्फ़त पे क़दम आगे बढ़ेंगे कैसे
डर ज़माने का अगर दिल में समाया होगा

और कुछ देर सजे रहने की फुर्सत दे कर
नींद ने ख़्वाबों का एहसान चुकाया होगा

अपना होने का गुमाँ पाल न हीरा मन में
हाथ रस्मन ही ज़माने ने मिलाया होगा