Friday, November 22, 2024
आस्थाउत्तर प्रदेशप्रतापगढ़

On 6th Muharram, a procession of a large silver flag was taken out with great pomp and splendor

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6 मोहर्रम पे निकला शानों-शौकत के साथ चाँदी के बड़े अलम का जुलूस

प्रतापगढ़

मोहर्रम कमेटी अन्जुमन रज़ा-ए-हुसैन चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने कमेटी अध्यक्ष आबिद रज़ा के आवास से पैगम्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाग-ए-हसन व हुसैन कर्बला के 72 जांनिसार क शहादत की मोहर्रम के 6वीं का जुलूस हस्बे दस्तूर अपनी पुरानी शानो-शौकत के साथ निकाला गया। जुलूस अपने पुराने कदीमी रास्ते अजीत नगर से रज्जब मस्जिद भैरोपुर, कपूर चौराहा, चौक घंटाघर, बजाजा रोड, श्रीराम चौराहा से पंजाबी मार्केट से तहसील गेट. मकन्दूगंज पुलिस चौकी से सीधा राम प्रताप चौराहा से कर्बला शरीफ रंजीतपुर चिलविला चौराहा से चिलबिला नवाबगंज से मौर्या चौराहा से वापस अजीत नगर पहुंचा जहां पर मजलिस मोहर्रम का आयोजन किया गया। बाबा मुनव्वर हुसैन हशमती ने बताया की ज़रत इमाम हुसैन के 18 साल के जवान बेटे हज़रत अली अकबर शक्ल व सूरत में हज़रत मोहम्मद साहब के बहुत हमशक्ल थे। जब हज़रत अली अकबर मैदान में पहुंचे तो दुश्मन को तितर-बितर कर दिया, आप देर तक लड़ते रहे। यज़ीदियों ने पानी बन्द कर रखा था और जब आपको प्यास लगी तो आपने हज़रत इमाम हुसैन से पानी का जिक्र किया फिर हज़रत इमाम हुसैन ने मोहम्मद साहब की अंगूठी उनके मुँह में डाल दी जिसके चूसने से आप की प्यास बुझ गयी। आप फिर से मैदान में आकर दुश्मन खेमे को तितर-बितर कर दिया। यजीदियों ने ये देखकर इब्ने साद ने एक मशहूर बहादुर मिसरा बिन गालिब को मुकाबले के लिये भेजा वह नेज़ा तानकर हमला करना ही चाहता था कि आपने उसके नेज पर ऐसी तलवार मारी फिर ऐसी तलवार मारी कि उसका सर दो टुकड़ा होर जमीन पर गिर पड़ा। सारे यज़ीदी सहम गये और डर गये आखिर इब्ने साद ने नहकम बिन तुफैल को हज़ारों-2-

सवार के साथ एक बारगी चारो तरफ से हमला कर दिया आप जख्मो से चूर होकर बराबर हमला करते रहे और आप मैदान-ए-कर्बला में शहीद हो गए। जुलूस के साथ में चाँदी का बड़ा अलम, डंका, चिलबिला अखाड़ा और के द्वारा हैरत अंगेज खेल दिखाया गया। जुलूस का संचालन अन्जुमन रज़ा-ए-हुसैन चैरिटेबल ट्रस्ट के जनरल सेक्रेट्री गुलाम रज़ा ने किया। जुलूस के मौके पर बाबा रशीद अहमद, एडवोकेट निर्भय सिंह, ओम प्रकाश साहू मुख्तार राइन, इरशाद पठान, इजहार हुसैन, मो० यूसुफ सन्ने, मोहर्रम कमेटी के मरहूम इरशाद सिद्दीकी के भाई मो० आजाद सिद्दीकी, अन्जुमन शेरे सुन्नत के अध्यक्ष, सरवर राइन, अख्तर राइन, मो० अफजल, शफीक अंसारी खलीफा, मकसूद, मो० सैफ गोड़े, बिलाल रजा, मो० सकलैन रजा, अब्दुल जब्बार, मो० अकरम, मो० बाबू ,अकबर, मो० आफताब, अली रजा, कौनेन रजा, हुसैन रजा, मो० शकील, निसार अहमद, मिन्टू अल्लू शाने आलम सानू आदि लोग मौजूद रहे।

REPORT – SALMAN KHAN