Ravindra Jaiswal, a social worker, is understanding the pain of the speechless and quenching their thirst
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बेजुबान का दर्द समझ बुझा रहे उनकी प्यास
प्रतापगढ़।
चिलबिला के रहने वाले समाजसेवी रवीन्द्र जायसवाल बेजुबानों का दर्द समझते हैं।इसलिए उन्होंने गर्मी के सीजन में बेजुबानों की प्यास बुझाने का बीड़ा उठाया है।शनिवार को उन्होंने चिलबिला स्थित श्री ओम्कारेश्वरम मन्दिर और अपने दुकान के बगल में बड़े बड़े बर्तनों में पानी भरवा कर रखा जो मौके पर पहुंचे दर्जनों बेजुबानों ने अपनी प्यास बुझाई।इस दौरान उनके कार्य को देखकर लोगों ने उनकी सराहना भी की।इस बारे में जब समाजसेवी रवीन्द्र जायसवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम लोग तो मनुष्य हैं,बोल लेते हैं लेकिन बेजुबान जानवरों का दर्द सभी को समझना चाहिए ताकि इनकी प्यास बुझाई जा सके।