So called journalists are tarnishing the image of journalists
पत्रकारों की छवि को धूमिल कर रहे है तथाकथित पत्रकार
प्रतापगढ़
प्रदेश व देश में इन दिनों डिजिटल मीडिया के तथाकथित पत्रकारों द्वारा बिना हकीकत जाने किसी भी प्रतिष्ठित व्यक्ति के विषय में अर्नगल प्रलाप लिख कर प्रतिष्ठा को धूमिल करने का मानो चलन ही शुरू कर दिया है सोशल मीडिया में कोई खबर ऐसी फैलती है जैसे जंगल में आग लग गई हो पत्रकारिता पहले मिशन हुआ करती थी धीरे-धीरे इसका व्यवसायीकरण हुआ। समय के साथ व्यवसायीकरण होना ठीक है, क्योंकि पत्रकारों-कलमकारों की भी जरूरते हैं। पत्रकारिता का व्यवसायीकरण होने के बाद इससे जुड़े लोगों की जरूरतें पूरी होने लगी, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी सामने आने लगे ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ का है, जहाँ पर ट्रैफिक विभाग के कर्मियो ने दबी जुबान से बताया कि तथाकथित के चलते कार्य करना मुश्किल होता जा रहा है आये दिन तथाकथित गिरोह बनाकर कार्य में बाधा उत्पन्न करते है,धन उगाही करने का प्रयास करते है कर्मियो ने बताया कि आये दिन किसी न किसी चौराहे पर आकर तेल व खाने पीने का पैसा मांगते है न देने पर शासन व प्रशासन में छवि धूमिल करने की धमकी देते है, समय रहते शासन व प्रशासन ने उचित कार्यवाही न होने के कारण उनका मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है,पत्रकारिता एक स्वच्छ ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ पेशा है मगर तथाकथित पत्रकारों द्वारा पत्रकारिता की आड़ में केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करने किसी की भी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है जो पत्रकारों के मूल्यों का हनन कर रहा है।