Tuesday, September 17, 2024
उत्तर प्रदेशप्रतापगढ़

Social media has as many disadvantages as it has advantages. From children to adults, everyone is connected to social media. Social media has made people’s lives very easy. Now everything is available through social media but it also has many negative effects. Through this, people also spread misleading and wrong information. Which has an adverse effect on people.

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बच्‍चों को किस तरह फायदे और नुकसान पहुंचाता है सोशल मीडिया – ऋचा सिंह

प्रतापगढ़
जनपद के पूर्वी सहोदरपुर में स्थित सिद्धार्थ इंटरमीडिएट कॉलेज में सोशल मीडिया के प्रभाव व दुष्प्रभाव के बारे में बताएं गया कहा गया कि सोशल मीडिया संचार का सबसे बड़ा साधन है। देश-विदेश से लोग इसके माध्यम से एक दुसरे से जुड़ सकते हैं। सोशल मीडिया का प्रयोग कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप से कर सकते हैं। व्हाट्सएप्प, फेसबुक और इंस्टाग्राम सोशल मीडिया के प्रमुख प्लेटफार्म हैं। सोशल मीडिया की लोगों में काफी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में सोशल मीडिया सभी के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है। स्कूल की निदेशक ऋचा सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया के जितने फायदे हैं, उतने नुकसान भी हैं। बच्चे से लेकर बड़े तक सोशल मीडिया से बंध गए हैं। सोशल मीडिया ने लोगों का जीवन बहुत आसान कर दिया है। अब सब सोशल मीडिया के जरिए मिल जाता है लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव भी बहुत हैं। इसके जरिए लोग भ्रामक और गलत जानकारी भी फैलाते हैं। जिससे लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

छात्रों में सोशल मीडिया का प्रभाव

ज्यादातर छात्रों में सोशल मीडिया का गलत प्रभाव पड़ता है। इसकी लत छात्रों में ज्यादा लगती यह छात्रों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। छात्रों की पढ़ाई उनका जीवन सब दांव पर लग जाता है। वह पढ़ाई से मन चुराने लगते हैं। व्हाटस्एप्प, फेसबुक और इंस्टाग्राम छात्रों को सबसे ज्यादा भटकाता है। वह पूरा टाइम चैटिंग में लगे रहते हैं। यह पढ़ाई बाधित करने के सबसे बड़े साधन हैं, जिससे उनकी आंखे कमजोर होती हैं सोशल मीडिया से छात्रों का समय बहुत बर्बाद होता है। जिससे उनके करियर में भी बहुत प्रभाव पड़ता है।जब से इंटरनेट आया है बच्चे तो मानों आउटडोर गेम भूल ही गए हैं। जिससे उनके शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिकता पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। ऋचा सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया लोगों को सबसे ज्यादा गैर जिम्मेदार बनाता है। छात्र अपनी पढ़ाई और स्कूल, कॉलेज जाने के बजाए चैटिंग, गेमिंग, इंस्टाग्राम में व्यस्त रहते हैं। सोशल मीडिया के जरिए सबसे ज्यादा अफवाह फैलाई जाती है। असमाजिक लोग सबसे ज्यादा अफवाह फैलाते हैं। इससे झूठी तस्वीर, वीडियो को एडिट करके लोगों को गुमराह करते हैं औऱ ब्लैक मेल करते हैं। गलत बातें फैलाकर लोगों को गलत जानकारी दी जाती है।

सोशल मीडिया से साइबर क्राइम को बढ़ावा

सोशल मीडिया जितना अच्छा है, उससे भी ज्यादा घातक है। साइबर क्राइम को सबसे ज्यादा बढ़ावा देता है। बच्चों के मन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। गलत तरीके से गुमराह कर सकते हैं, जो लोगों की जान तक ले सकता है। फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से फेक आईडी बनाकर लोगों से गलत चैटिंग कर उनको गुमराह करते हैं। लोगों को फंसा कर उनसे गलत काम करवाते हैं। लोगों से धोखाधड़ी करते हैं। उनकी ई-मेल आईडी हैक करके जरूती दस्तावेज भी चुराते हैं। सोशल मीडिया बहुत आसानी से लोगों को गलत राह में ले जाता है। कंप्यूटर संसाधनों से छेड़छाड़ की जाती है, उनका संग्रहित डाटा हैक करने की कोशिश की जा सकती है।

कैसे छात्र पढ़ाई और सोशल मीडिया में संतुलन बना सकते हैं?

छात्रों को एक समय सीमा के अनुसार ही सोशल मीडिया का प्रयोग करना चाहिए। सही प्रयोग के लिए इंटरनेट का उपयोग होना चाहिए। वह अपनी पढ़ाई के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं। अगर छात्रों को इसकी लत लगी है, तो उनको कोशिश करनी चाहिए कि वो इसके दूर कर सके। छात्र यूट्यूब में मूवी देखने की जगह अपनी पढ़ाई के वीडियो देख सकते हैं। अच्छी चीजें देख सकते हैं। छात्रों को हर चीज नियमानुसार करना चाहिए पूरे समय सोशल मीडिया का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस कायक्रम में बच्चो में तूबा खान ,माही खान, कीर्ति तिवारी ,अंशिका, खुशबू, जोया खान, कशिश तिवारी,मुस्कान साक्षी गौतम, नंदिनी शर्मा, शिफा व दीप्ती मिश्रा(मुख्यवक्ता) एवं शिक्षकगण में मनोज सिंह ,सुमन सिंह सिद्धार्थ सिंह,लालचंद यादव,उत्कर्ष श्रीवास्तव ,रेखा निषाद, रघुनाथ मिश्रा, कुमुद पांडे ,बबीता गौड़, रितु प्रजापति, नेहा सिद्दीकी ,पूजा मौर्य, श्रेया सिंह ,प्रतीक्षा ,शिवम कुमार आदि लोग मौजूद रहे।