Sunday, December 22, 2024
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*नहीं मिली नौकरी……तो शुरू किया यह बिजनेस और बदल गई जिंदगी*

*आज लाखों में इनकम*

बिहार के आरा के रहने वाले उमाशंकर पंडित को नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने कपड़ा उद्योग खड़ा कर दिया. अब सालाना 5 लाख की आमदनी होती है. इससे 12 लोगों को रोजगार दिया है. अब उद्योग को बड़ा कर 50 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है.

*गौरव सिंह … भोजपुर …. बिहार*

. बहुत से युवा पढ़ाई पूरी होने की बाद नौकरी की तलाश करते हैं. कुछ को मिलती है और कुछ को नहीं मिलती है. इससे हताश होकर कुछ बैठ जाते हैं और कुछ नई शुरुआत करते हैं. इसी में से एक हैं उमाशंकर पंडित. बिहार के आरा के रहने वाले उमाशंकर पंडित को नौकरी नहीं मिली तो कपड़ा उद्योग खड़ा कर दिया. जिस उन्हें सालाना 5 लाख की आमदनी होती है. साथ ही उन्होंने 12 लोगों को रोजगार दे रखा है. उमाशंकर ने बताया कि उनका लक्ष्य 50 लोगों को रोजगार देने का है साथ ही बिजनेस को बड़े पैमाने पर ले जाना है.

उमाशंकर पंडित ने बताया की कोरोना काल में एक मित्र ने मास्क बनवाने का ऑर्डर दिया था. जिसे हमने गांव में घरेलू महिलाओं से बनवाया था. इसमें कुछ रुपए का मुनाफा हुआ. उसी समय मेरे दिमाग में आइडिया आया कि अगर कपड़े का व्यवसाय किया जाए तो आमदनी अच्छी हो सकती है. इसके बाद मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के ऑनलाइन साइट पर फॉर्म अप्लाई किया. जिसमें मेरा सलेक्शन हुआ. हमें दो बार चार-चार लाख की किश्त मिली. एक बार दो लाख की किश्त मिली. कुछ पैसे घर से भी लगाए और 12 मशीन खरीद कर निधि गारमेंट्स के नाम से टेक्सटाइल कंपनी शुरू की.

*6 लाख की लागत से खरीदी 12 मशीन*

उमाशंकर पंडित ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्यमी लोन होने के बाद पटना से 12 मशीन 6 लाख की लागत से खरीदी. लुधियाना से थोक में कपड़ा लाते हैं और 12 कारीगर कपड़े को ऑर्डर के हिसाब से कपड़ा तैयार करते हैं. तय समय पर ऑर्डर तैयार करने के बाद व्यवसायी आते हैं. अपना माल ले कर जाते हैं. इसी तरह स्कूल यूनिफॉर्म का भी बड़े पैमाने पर ऑर्डर आता है. स्कूल मैनजमेंट के साथ काम करते हैं.

*कितना होता है फायदा*……

उमाशंकर ने बताया कि 14 से 15 लोग काम करते हैं. इनमें 12 लोग मशीन पर बैठते हैं और 2 लोग कपड़े के गोदाम में शिफ्ट करते हैं. इन लोगों को 12 हजार से लेकर 15 हजार तक महीने में तन्खवाह दी जाती है. हमें महीने में 25 हजार से 30 हजार तक कि आमदनी हो जाती है.

*प्रदेश में नौकरी करने वालों को घर बुला दिए रोजगार*

उद्यमी उमाशंकर पंडित का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने में है. उन्होंने ने बताया कि मेरे गांव के कई लोग लुधियाना, कोलकाता और बेंगलुरू जैसे दूर के शहरों में कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे, उन लोगों को हमने गांव बुलाया और खुद के यहां रोजगार दिए इस से उनको भी फायदा हुआ कि वो अब अपने बच्चे और परिवार के साथ रह सकेंगे और हमको भी बेहतर व अनुभवी कारीगरों का सहयोग मिल गया.