यह पब्लिक है, सब जानती है
Top Banner
जौनपुर। जिस कार्य के लिए सख्ती से मना किया गया है कि अगर आप किसी तरह से किसी असहाय निर्धन व्यक्ति का सहयोग करते हैं तो जिस हांथ से आप सहयोग करते हैं दूसरे हांथ को उसकी जानकारी तक ना हो लेकिन ठीक इसके उलट वर्तमान समय में कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने नाम और अपनी पहचान एवं सुंदर छवि दिखाने के लिए इन्हीं असहाय निर्धनों का मजाक बनाते हुए खाद्य सामग्री के साथ फोटो खिीचवाकर समाज में अपनी पहचान बनाने को लेकर प्रयासरत है जिसकी सामाजिक लोगों में काफी चर्चा होने के साथ ही इस तरह से शोहरत बटोरने वाले लोगों की निंदा भी हुआ करती हैं। पाक माहे रमजान में अपने नाम और पहचान के लिए गरीब निर्धनों की 10 =20 की संख्या में खाद्य सामग्री से मदद के बहाने समाज में अपनी अपनी नाक ऊंची करने के लिए गरीब एवं निर्धनों का उपहास कर रहे हैं। शहर के दो-चार मोहल्लों के लोगों द्वारा ही अंजाम दिया जा रहा है वह भी विभिन्न नामों की कमेटिया और विभिन्न नामों के बैनर तले वह भी अपने धन से नहीं गरीब निर्धनों असहाय लोगों के लिए मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के सहतार्थ हेतु खाड़ी देशों एवं अपने देश के विभिन्न प्रांतो से मिलने वाले धनो से की जाती है। खाद्य सामग्री कि इस तरह की वस्तु जैसे आटा, चावल, तेल मसाले आदि। और यह सामान उन्हीं 10 से 20 लोगों को दिया जाता है जिनका नाम इनके द्वारा बनाई गई सूची में होता है। इसके बाद लाभ के चक्कर में ऐसे लोगों की पहचान बनवाने के लिए सोशल मीडिया पर और खबर निकलवाने में लग जाते हैं जिन लोगों द्वारा ऐसे लोगों को धन उपलब्ध कराया जाता है । दो चार मोहल्लों में ऐसे लोगों को यही लोग पाल रखते हैं कि वह घूम-घूम कर समाज में इनकी और इनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए इन्हें धनवान और दानदाता बताने की एक दूसरे से हमेशा चर्चा भी करने में लगे हैं। जिससे धन देने वाले लोग हमेशा इनकी झोलियों को भरते रहें। यही लोग निर्धन असहाय लोगों को जो आज 10-20 की संख्या में खाद्य सामग्री की किट बनाकर दे दिया करते हैं और खुद हजम कर लेते है।