Where and who is responsible for the health system of Community Health Center Manendragarh
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था के जिम्मेदार कहा और कौन
एमसीबी मनेंद्रगढ़ जहां बारिश के दिनों में कीड़े मकोड़े पनपने का समय होता है वही ऐसे समय में लोगों की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेद्रगढ़ मे हो रहा बहुत बड़ा खेलवाड़,आपको बताना चाहेंगे की मनेद्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगभग 40 किलोमीटर से 120 किलोमीटर तक के लोग यहां इलाज करवाने के लिए आते है, मरीजों का यह कहना है कि ज्यादातर बाहर से ही दवाई खरीदने को मजबूर है क्योंकि बोला जाता है की मेडिसिन अभी खत्म है, फिर चाहे वह ग्लव्स हो, रेबीज के इंजेक्शन हो या फिर पेन किलर हो बाहर से लाने के लिए उनको मजबूर किया जाता है, बात यह है कि मरीज भी डर से कुछ बोलते नहीं है क्योंकि उनका इलाज आखिर इसी अस्पताल में होना है अगर कुछ बोलेंगे तो शायद उनके इलाज में भी दिक्कत हो सकती है जिला मुख्यालय के जिला के स्वास्थ्य संबंधित अधिकारी के ऊपर भी कई आरोप लगते चले आए हैं नगर के लोगों के द्वारा आए दिन कभी भूख हड़ताल तो कभी शिकायत आवेदन लगते रहते हैं, पर शायद ना जाने क्यों किसके रहमों करम से इनका कद और पद तो बढ़ता जा रहा और वर्षों से एक ही जगह पर अंगद की तरह इनका पैर भी एक ही जगह बरसों से टिका हुआ है, सत्ता किसी की भी हो इन पर शिकायत तो हमेशा समय-समय पर होते रहे हैं पर उनके ऊपर जांच बैठती है या जांच पर कार्यवाही के नाम पर शायद शून्य, आय दिन सोशल मीडिया मे छाय रहते है और सूत्रों से यह भी जानकारी मिलने लगी है कि संबंधित अधिकारी के द्वारा अपने पद का गलत दुरुपयोग किया जाता है जहां उनके द्वारा शासन से तो श्रम का भुगतान माह के माह लिया जाता है पर अपना श्रम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे कम देकर अपने प्राइवेट क्लीनिक में ज्यादा दिया जाता है,एक समाज सेविका ने अपना नाम ना बताने की शर्त मे जानकारी दी है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेद्रगढ़ में कुछ डॉक्टरों द्वारा अपना ( एजेंट) लगाए हुए हैं जिनके द्वारा कभी-कभी तो यह भी बोला जाता है कि डॉक्टर साहब बस अभी आते ही होंगे और अगर ज्यादा जल्दी है तो आप उनके क्लीनिक में चले जाइए वहां पर आपको मिल जाएंगे और आराम से मरीज को देख लेंगे,यह भी जानकारी सामने आ रही है की कुछ डॉक्टरों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की वस्तुओं को अपने प्राइवेट क्लीनिक में उपयोग किया जाता है लोगो की माने तो उनका कहना है कि संबंधित अधिकारी अपने पद में इतने मद मस्त हो चुके हैं कि उनको यह भी ज्ञात नहीं रहता कि किसी कागज में उनके हस्ताक्षर करना है किस कागज में हस्ताक्षर नहीं करना, मिली जानकारी के अनुसार वह तो शायद नियुक्ति के कागज में भी अपना हस्ताक्षर नहीं किये होंगे,यह है एक मरीज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हमारे विधायक श्याम बिहारी जायसवाल जी छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री हमारे गृह जिले के है हम ने अपना वोट देकर विधायक के रूप में उनका चयन,इसलिए किया गया कि हमे स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार के लिए भटकना ना पड़े यहां पर शायद जनता को भूल का अहसास होने लगा है,शायद वे अधिकारियों का समर्थन करते हुए नजर आते हैं इसीलिए अधिकारियों को स्वास्थ्य मंत्री के डर भय की कोई चिंता नहीं है शायद इसी लिए मनमाने तरीके से कई कार्यो को किया जा रहा है कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जितने भी सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्राइवेट क्लीनिक संचालित किया जा रहा है अगर उनको दूसरे जगह भेज दिया जाए और दूसरों को उनकी जगह बुला लिया जाए, इसके अलावा सीसीटीवी कैमरा का भी होना अत्यंत आवश्यक है जिससे उन पर कड़ी नज़र रखी जा सके तो शायद स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं एवं लोगो के साथ हो रहे मनमाना व्यवहार पर रोक लगा सकते है।
रिपोर्ट – उर्मिला नामदेव