चरम पर पहुच रहा है जनपद जौनपुर के लेखपालो का धन उगाही वाला रवैया
माननीय मुख्यमंत्री महोदय
उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ
विषय – जनपद जौनपुर के लेखपालो द्वारा तहसील पसिर को छोड़कर परिसर के बाहर प्राइवेट कार्यालय बनाने एवं अपने मातहत
मुंशी रखकर गरीब/परेशान किसानो से किसी भी काम के लिए मनमाना धन उगाही करने की शिकायत के सम्बंध मे।
महोदय,
आपको सादर अवगत कराना है कि जनपद जौनपुर के लेखपालो का धन उगाही वाला रवैया अपने चरम पर पहुच रहा है जनपद का तहसील सदर इसका जिता जागता प्रत्यक्ष प्रमाण है। आपको बतादे कि जनपद जौनपुर के तहसील सदर अंतर्गत कार्यरत लेखपालो मे कोई भी लेखपाल तहसील परिसर के अंदर नही बैठता है बल्कि परिसर के बाहर किराये का प्राइवेट कमरा लेकर अपना अपना कार्यालय चलाते है इतना ही नही कार्यालय मे डील करने के लिए अपने आवश्यकतानुसार मुंशी भी रखे है जो लेखपाल साहब का पूरा काम करता है, वह काम चाहे खसरा बनाने का हो ,सर्वे का हो, आख्या अथवा किसी रिपोट सहित किसी कि जमीन का नाप कराना है उस सब की डील यही मुंशी करते है और मनमाना पैसा वसूलते है। मुंसी के रखने से लेखपाल साहब को 2 फायदे है पहला कि उनका सारा काम मुंशी करता है और दूसरा मुंशी की धन उगाही से मिला पैसा लेखपाल साहब के पास आसानी से आ जाता है और यदि कोई मुंशी के द्वारा लिये जा रहे पैसे को लेकर विवाद करता है तो लेखपाल साहब अपने सधे सधाए भाषा मे मुंशी को डाटते है और आइंन्दा से ऐसी गल्ती न करने की हिदायत देते है। जमीन का नम्बर पूछना हो या जमीन का नाप करना हो ,आख्या लगाना हो या आय की रिपोर्ट लगानी हो लेखपाल साहब को हर काम के लिए पैसा चाहिए। दो पक्षो मे लेखपाल साहब जिस पक्ष से ज्यादा पैसा पाते है उनकी गुनिया और सीकड़ का झुकाव उसी तरफ हो जाता है। महोदय क्या लेखपालो को उनके काम का पगार नही मिलता है जो हर काम के लिए किसानो से पैसा मागते है और यह बहुत ही सोचने वाली बात है कि आखिर लेखपाल साहब की पगार कितनी है जो अपना काम कराने के लिए मुंशी रखते है और प्राइवेट कमरे का किराया भी भरते है, यह गंम्भीर जाच का विषय है।
अतः महोदय से सादर अनुरोध है कि जिलाधिकारी जौनपुर को आदेशित कर निश्पक्ष जाच कराकर लेखपालो एवं मुंशीयो पर कार्यवाही करने की कृपा करे, ताकी इनके द्वारा गरीब एवं मजलूमो का शोषण न हो सके।
भवदीय
दीपचन्द यादव