प्यार से प्यारा यार
कम्मो अकेली ही मुंबई आ गयी . दिखने में वह बेहद सुन्दर थी लेकिन उसने जान बूझकर अपना हुलिया कुछ ऐसा बिगाड़ लिया जिससे की किसी को वह ज्यादा खूबसूरत न लगे , मगर जवानी की निश्जानियों का क्या करती , उनको छिपाना तो मुश्किल था, कैसे छिपाती अपने यौवन की गोलाइयों को. जितना छिपाने की कोशिश करती वह उतनी ही ज्यादा दिखाई देती थीं, उसने किसीको बाते नहीं की वह मुंबई में अकेली है . उसे एक और लड़की मिल गयी . उसका नाम था शिल्पा . कुछ देर में ही वे दोनों अच्छी तारा से घुल मिल गयी . आखिर कम्मो ने बता ही दिया की वह सिंगल है . तपाक से शिल्पा बोली-
-क्या हुआ, जो आप सिंगल हैं और जल्दी किसी के साथ जुड़ने के लिए तैयार भी नहीं। ऎसे में कभी-कभी कुछ परेशानियां पेश आती हैं। फैसला लेना मुश्किल लगता है।अगर
आप अकेली हैं और खाने के लिए बाहर जाने का मन है, लेकिन साथ जाने के लिए कोई भी नहीं है। ऎसे में अधिकांश लोग बाहर जाने का इरादा ही त्याग देते हैं। आप ऎसा न करें। कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप अकेले ही “डाइनिंग आउट” का लुत्फ उठा सकती हैं और अकेले होने का एहसास भी नहीं सताएगा।
अपने साथ कोई अच्छी मैगजीन, बुक या न्यूज पेपर रखें। यह आपको किसी दूसरे के फोकस के एहसास से बचाएंगे और आप असहज महसूस नहीं करेंगी।
खाना ऑर्डर करने के बाद उसके आने तक का समय अच्छा संगीत सुनकर पास कर सकती हैं। अपने साथ आईपॉड रखें।
रेस्त्रां में दूसरों को खुद को घूरने से रोका नहीं जा सकता, इसलिए अपना ध्यान अपने खाने पर ही रखें और हर निवाले का आनंद लें। दूसरों की वजह से जल्दबाजी में खाना खत्म कर भागने की कोई जरूरत नहीं है। आत्मविश्वास बनाए रखें।
किसी खुशदिल और हंसोड़ दोस्त के साथ बाहर जाने से अच्छा विकल्प और क्या होगा। उसके साथ रेस्त्रां जाएं या फिर दोनों की रूचि जिसमें हो वहां यानी-शॉपिंग! एक दूसरे के मेकओवर के लिए एक दूसरे को अच्छे आईडिया दें और एक दूसरे की कमियां और अच्छाइयां बताएं।
जब तक सिंगल हैं अपनी हॉबीज को पूरा करेंं। जो भी चाहती हैं कर लें, योग करना है या फिर अपनी पसंद के नॉवल पढ़ने हैं। ऎसे कामों की लिस्ट बना लें और समय तय करें।
यही समय है जब आप अपने करिअर पर ध्यान दे सकते हैं। अपने सारे प्रयास इस ओर लगा दें। करिअर अचीवमेंट्स आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होंगे। इसके बाद जब भी आप डेटिंग शुरू करेंगे तो यही कॉन्फिडेंस आपकी रिलेशनशिप में भी मददगार साबित होगा।
कम्मो-इतना बड़ा भाषण ? थकती नहीं हो तुम ?
शिल्पा- हा हा हा . पहले ये बताओ की कम्प्यूटर जानती हो ? अगर हाँ तो ब्लॉग्स आपको दूसरों से संपर्क को मजबूत बनाते हैं। अपना ब्लॉग बनाएं और खुद से जुड़ी हर चीज का अनुभव दूसरों से शेयर करें चाहे वह टे्रवल, ब्यूटी, सेलिब्रिटी या केवल गॉसिप ही क्यों न हो। आपके जैसे लोग आपसे जुड़ते जाएंगे। दोस्तों का ग्रुप बनाएं और हर तरह के मुद्दों पर बातचीत करें। दूसरों के सतत संपर्क में बने रहने का यही बेहतर तरीका है।
खुद को जानने का सबसे अच्छा तरीका है ट्रेवलिंग। अपनी आजादी को अच्छे से एंजॉय करें। ट्रिप का इंतजाम करने से लेकर हर चीज खुद मैनेज करें। ऎसी जगह जाएं, जहां आपकी जाने की तमन्ना रही हो। इसके अलावा वीकेंड पर भी बाहर जाने के बारे में सोचा जा सकता है।और फिर मैं यानी तुम्हारे दोस्त शिल्पा तो तुम्हारे साथ मौजूद है ही .
कम्मो ने शिल्पा को अपने होटल के कमरे में खाने पर आमंत्रित किया , दोनों समय पास करने के लिए कहानियाँ सुनाने लगीं , कम्मो ने उसे अपने कमरे पर ही रोक लिया , तब अनुभव सुनाये हुए शिल्प बोली-
-ठीक है सुनो, राहुल और संगीता के बीच पिछले तीन बरस से डेटिंग का सिलसिला ठीक-ठाक बल्कि यूँ कहिए बहुत अच्छा चल रहा था। अचानक राहुल कुछ फासला रखने लगा। संगीता को उसकी यह हरकत समझ में नहीं आई। वह सोचने लगी कि आखिर उससे क्या गलती हो गई?
दरअसल, अन्य लड़कियों की तरह संगीता को भी नहीं मालूम था कि वाई-क्रोमोसोम प्राणी बहुत अजीब होते हैं। वे सिंगल स्टेटस को खोने से बहुत डरते हैं। संगीता ने शादी का जिक्र किया था और तभी से राहुल में बदलाव आने लगा था।
शादी लड़कियों के लिए तो एक मील का पत्थर होता है जबकि लड़कों के लिए यह स्वतंत्र जीवन को खोना होता है और इसलिए यह तालमेल बिठाना उनके लिए कठिन होता है। बहरहाल, अगर संगीता इस बात को समझ जाए कि पुरुषों का दिमाग किस तरह से कार्य करता है, तो वह इस कठिन राह से आसानी से गुजर जाएगी औरराहुल हमेशा के लिए उसका हो जाएगा।
कम्मो- वाव , तब क्या हुआ ?
शिल्पा- डेट की रातों को दोस्तों की महफिलों में तब्दील करने का मतलब यह है कि वह आपको बतलाना चाह रहा है कि अब आप उसकी वरीयता सूची पर नहीं हैं और वह आपसे शादी नहीं करना चाहता।
बातचीत के दौरान सर्वनाम का प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब मुद्दा संबंध का हो। लड़कियाँ जब ‘मैं’ की जगह ‘हम’ का प्रयोग करने लगती हैं तो लड़कों को लगने लगता है कि उनकी आजादी और कुँवारेपन के दिन खत्म होने जा रहे हैं। इस ‘हम’ से लड़के इस वजह से भी डरते हैं कि उन्हें लगता है कि लड़कियाँ अब उनके जीवन को नियंत्रित करने जा रही हैं।
इस समस्या से बचने का बेहतर तरीका यह है कि अपनी गुफ्तगू में आप ‘हम’ का इस्तेमाल बहुत सावधानीपूर्वक करें। मसलन, यह कहने की जगह ‘इस संडे हम क्या कर रहे हैं?’ यह कहें ‘मैं सोच रही थी इस संडे अगर हम फिल्म देखने चले जाएँ, तो अच्छा रहेगा, तुम्हारा क्या ख्याल है?’ इस तरह सर्वनाम का प्रयोग करने से आप यह नहीं दर्शातीं कि आप उसके जीवन को नियंत्रण में करना चाह रही हैं।
विश्वास दिलाएँ कि आप दो नहीं एक कैम्प पर यकीन करती हैं
शादीशुदा जीवन में प्रवेश करने से लड़के इसलिए भी डरते हैं कि उनके परिवार के सदस्यों से आने वाली बहू का रवैया न जाने किस किस्म का हो? इसलिए इस संदर्भ में भी लड़के को विश्वास दिलाना आवश्यक होता है। खासकर इसलिए भी क्योंकि लड़का ऐसी स्थिति में नहीं होना चाहता जहाँ उसे परिवार या आप में से किसी एक की तरफदारी करनी पड़े।
यही बात उसके दोस्तों के संदर्भ में भी लागू होती है। यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि एक लड़के के जीवन में उसके दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड दो महत्वपूर्ण कैम्प होते हैं। उसे ऐसा मजबूर न किया जाए कि वह एक कैम्प का होकर रह जाए। कहने का अर्थ यह है कि दोनों कैम्पों में तालमेल बिठाने की आवश्यकता है।
आजकल यह फैशन नहीं रहा है कि प्रपोज सिर्फ लड़का ही करे। लड़की भी प्रपोज कर सकती है। लेकिन प्रपोज जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए। अचानक या बिना सोचे-समझे या हालात को साजगार बनाए प्रपोज करने से लड़का असमंजस में पड़ सकता है। इसलिए प्रपोज करने से पहले स्थिति को टटोलकर देख लेना चाहिए।
मसलन, बातों-बातों में आप उससे यह जिक्र करें कि किस तरह आपकी सहेली और उसके ब्वॉयफ्रेंड ने जीवनभर साथ रहना तय किया है। इस पर उसकी प्रतिक्रिया को गौर से देखें। उसकी प्रतिक्रिया से आपको यह अंदाजा हो जाएगा कि वह स्वयं शादी के लिए तैयार है या नहीं।