प्रकृति के संरक्षण के लिए कन्हैया ने कराया गोवर्धन पूजा– धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास
प्रतापगढ़
सर्वोदय सद्भावना संस्थान द्वारा रामानुज आश्रम शिवजी पुरम में गोवर्धन पूजा धूमधाम से संपन्न हुई। प्रातः काल धर्माचार्य ओमप्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास ने भगवान गोवर्धन जी जो शालिग्राम में विराजित है। उनका दूध दही घी शक्कर मधु एवं गंगा जल से अभिषेक करने के पश्चात कहा कि आज से 5242 वर्ष पूर्व भगवान गोवर्धन की पूजा आज ही के दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को भगवान कन्हैया ने नंद बाबा सहित गोप वालों के द्वारा संपन्न कराई थी।
पहले गोकुल वासी इंद्र की पूजा किया करते थे। इंद्र के अहंकार को नष्ट करने के लिए प्रकृति को संरक्षण देने के लिए प्रकृति के महत्त्व एवं पर्यावरण की सुरक्षा हेतु 7 वर्ष के कन्हैया ने 7 कोस के गिरिराज जी को 7 दिनों तक अपने बाएं हाथ की छोटी उंगली पर धारण करके 7 दिनों तक होने वाली अखंड जल वृष्टि से गोपवालों की रक्षा किया था। श्रीमद्भागवत के अनुसार इंद्र ने संवर्तक नामक मेघ को गोकुल को डुबो देने के लिए भेजा वृक्ष के तने जैसी उसकी बूंदे थी अपार जल वृष्टि होने लगी। भगवान की कृपा से सारा जग अगस्त मुनि ने पान कर लिया और बचा खुचा जल जमुना जी में मिल गया। इंद्र आई रावत की सुर में सुरभि नामक गाय के दूध को भर कर के आकर भगवान का अभिषेक किया और साष्टांग प्रणाम करके गोविंद नाम से स्तुति किया। इसलिए आपका नाम गोविंद पड़ा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नारायणी रामानुज दासी बद्री प्रसाद मिश्रा रामचंद्र मिश्र पूर्व प्राचार्य देवेंद्र ओझा पंडित गिरीश दत्त मिश्रा राकेश सिंह डॉक्टर अंकिता पांडे इंजीनियर पूजा पांडे माताफेर मौर्य आयुष्मान सिंह दुर्गेश नंदन ओझा कन्हैया सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।