विश्व गुरू तो बना नहीं बल्कि 45 साल बाद भारत सामूहिक गरीबी की श्रेणी वाले देशों में शामिल हो गया है,
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बीते एक साल में देश में दोगुनी हो गई गरीबों की तादाद! देखें क्या कहते हैं रिसर्च के आंकड़े,45 साल बाद भारत सामूहिक गरीबी की श्रेणी वाले देशों में शामिल हो गया है. बार-बार लॉकडाउन लगने से जो ये तस्वीरें सामने आती हैं उसका असर देश पर बहुत गहरा होता है. क्योंकि देश में ये महामारी जितना बढ़ेगी, भारत में गरीबी की समस्या उतनी ही तेजी से पैर पसारती जाएगी. Pew Research Center के अनुसार पिछले एक साल में महामारी वजह सरकार की गलत नीतियों की वजह से भारत में गरीबों की संख्या 6 करोड़ से 13 करोड़ चालीस लाख हो गई है. यानी सिर्फ 365 दिन में गरीबों की संख्या दो गुनी हो गई है. 45 साल बाद भारत सामूहिक गरीबी की श्रेणी वाले देशों में शामिल हो गया है.