समाज सुधार
*सत्ता का दुरुपयोग*
*लोकतंत्र केवल कहने के लिए जनता का शासन है ।यह तो बिल्कुल झूठ है,*
*एक बार सत्तासीन होने के बाद विधायक, सांसद, मंत्री एवं इर्द-गिर्द चापलूस, रिश्तेदार, मित्र एवं दलाल ही सत्ता की मलाई खाते हैं, आम जनता पांच साल अपने जनप्रनिधियों के दर्शन के लिए तरस जाती है,*
*इस समय जबसे भाजपा शासन में आयी है, शीर्षस्थ स्तर पर सुधार प्रक्रिया शुरू हुआ है, लेकिन यह तो “ऊंट के मुँह में जीरा” के समान है,*
*सत्ता के दलाल भ्रष्टाचारी अधिकांशतः मंत्रीजी, मुख्यमंत्री जी से किसी भी तरह येन केन प्रकारेण अपने को यह सिद्ध कर देते हैं कि वे उन पर लगभग शत प्रतिशत विश्वास करते हैं और उनके अति खास आदमी हैं, मेरी शिकायत से प्रशासनिक अधिकारियों का बहुत नुकसान हो सकता है,*
*यही धौंस जमाकर वे मुख्यमंत्री या मंत्री जी से सम्बंध के आड़ में सुविधाशुल्क देकर सेक्रेट्रिएट लेवल पर काम करवा रहे हैं, जबकि मंत्रियों को हवा भी नहीं लगती,*
*यही कमी आज भाजपा का ग्राफ गिरने का मुख्य कारण है, इसमें भाजपा की मातृ संस्था के उच्च पदस्थ स्वयं सेवक भी अपने निकट सम्बन्धियों के लिए कर रहे हैं,*
*अंततः मोदी जी एवं योगी जी से अनुरोध है कि समाज सुधार एवं भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए अपने निकटतम एवं अतिप्रिय लोगों पर खुफिया तंत्र के माध्यम से गुप्त निगरानी करने की ब्यवस्था जरूर करें,*
*जय हिंद, जय भारत*
*बन्देमातरम्*
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डा.गंगासागर सिंह”विनोद”
वरिष्ठ अर्थो सर्जन मऊ