आबरू बचे भी कैसे बेटियों की कैसे अशोक, इज्जत के लुटेरे जहां मोलवी व पुजारी हैं- डॉ. अशोक अग्रहरि
राजापुर,शोभीपुर, हैंसी पर्जी, मान्धाता मे सद्भावना साहित्य सरिता के बैनर तले ललन तिवारी के आयोजकत्व, बलराम तिवारी के सॅयोजन तथा देश के चर्चित, ख्यातिलब्ध गीतकार,कवि डॉ. अशोक अग्रहरि प्रतापगढ़ी के सॅचालन में कोविड 19 गाइड लाइन के निर्देशानुसार मतदाता जागरूकता समारोह एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ, मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पूजा अर्चना के पश्चात मंचासीन कवियों, शायरों, कवयित्रियों का आयोजक द्वारा माल्यार्पण माल्यार्पण, शाल्यार्पण, बैज तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सारस्वत सम्मान किया गया । तदोपरान्त अवधी सम्राट शेख मुन्शी रजा देहाती की अध्यक्षता मे शुरू हुए कार्यक्रम का संचालन कर रहे गीतकार डॉ. अशोक अग्रहरि ने मां सरस्वती की वाणी वन्दना कर विधिवत आगाज किया । लखनऊ से पधारे देश के जाने माने व्यंगकार राम नरेश पाल ने नेताओं के दोहरे चरित्र पर कुछ इस तरह तंज कसते हुए लपेटा, चुनाव सिर पर वादे मुंह पर इरादे पेट में जन्ता चपेट में । अवधी के दूसरे रसखान, कौमी एकता के प्रबल पैरोकार तथा सभाध्यक्ष शेख मुंशी रजा देहाती ने बदरंग हुये सियासत मे आम अवाम को इन पंक्तियों से चेताया, चुनो उसको जो दीनों की बिवाई को दवाई दे, जो दुखिया की भलाई के लिए चिन्तित दिखाई दे ।बाखूबी संचालन की भूमिका निभा रहे गीतकार डॉ. अशोक अग्रहरि ने छद्म भेष मे भोली जनता के जज्बातों से खेलने तथा सैकड़ों करोड़ की सम्पत्ति बनाने वाले स्वयम्भू बाबाओं के खुलासे, और जेल जाने को आधार बना तरन्नुम में कटाक्ष की पंक्तिया पढ़कर महफिल को अपने नाम कर किया, कैसे कैसे लोग यहा कैसे नामधारी हैं, भरा पूरा है परिवार नाम ब्रह्मचारी है, आबरू बचे भी कैसे बेटियों की अब तो अशोक इज्जत के लुटेरे जहाँ मोलवी व पुजारी हैं ।रायबरेली से आये कवि शेखर मित्र ने पंक्तिया पढ़कर नव वर्ष की शुभकामनाएं दी, साल मुबारक हो नया शेखर बांटहु प्यार, आये जीवन में सुखद खुशियाँ लिये अपार ।कौशाम्बी में ताल्लुक रखने वाले सेनाकर्मी कवि धीरेन्द्र सिंह नागा ने भी असरदार रचना पढ़ा, जिसको भी अपने आप पर गुमान होता है, अक्सर वो जिन्दगी में परेशान होता है । शायरा गुलशन इलाहाबादी ने तरन्नुम में संजीदा गजल से शमा बाॅध श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया, दिल को अब तार तार कर डाला, मैंने बस एतबार कर डाला । इसी मंच पर बेबाक पत्रकारिता तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के निमित्त अरविन्द दूबे तथा मोहम्मद फारूक को सद्भावना साहित्य सरिता संस्था तथा आयोजक द्वारा सारस्वत सम्मान कर स्मृति चिन्ह भेंट कर किया सम्मानित ।अन्य कवियों मे हास्य कवि अर्जुन प्रसाद कुकुड़ुक्कू, कवयित्री प्रज्ञा शर्मा, कौशाम्बी, अमरनाथ बेजोड़ आदि ने भी काव्य पाठ किया, व्यवस्था लल्लू तिवारी, अमन, अक्षय, ददन तिवारी तथा सन्तोष तिवारी तथा आये हुए लोगों के प्रति आयोजक ललन तिवारी आभार प्रकट किया।