आवारा कुत्तों की मुंह मांगी कीमत देते हैं, कुत्ता खाने के शौकीन, पुलिस ने 40 कुत्तों के साथ पकड़े 3 तस्कर
असम की बराक घाटी से कुत्तों की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। जी हां, देश के उत्तर-पूर्व के दूरस्थ इलाकों में नशे के बाद कुत्तों की तस्करी इस वक्त चरम पर है। असम के दक्षिणी भाग में कभी बराक घाटी तो कभी करीमगंज तो कभी कछार जिले से सड़क पर घूम रहे कुत्तों को पकड़ कर उन्हें मिजोरम में चोरी-छिपे भेज दिया जाता है। दरअसल उत्तर-पूर्व के कुछ इलाकों में कुत्ते का मांस खाया जाता है और खासतौर पर मिजोरम में कुत्ते के मांस की कीमत बहुत ज्यादा है। इसी के चलते कुछ लोगों ने कुत्तों की तस्करी को पैसा कमाने का जरिया बना लिया है।
असम से मिजोरम में कुत्तों की बड़ी तस्करी
इस तस्करी के लिये पहले असम के शहरों से सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ कर गाड़ियों में लादा जाता है और फिर चोरी छिपे उन्हें मिजोरम ले जा कर बेच दिया जाता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये तस्कर कुत्तों की तस्करी से मोटा मुनाफा कमाते हैं। पुलिस की चेकिंग के दौरान ऐसी ही एक गाड़ी बराक घाटी में पकड़ी गई। गाड़ी के अंदर 40 से ज्यादा कुत्ते ले जाए जा रहे थे। पकड़े गये ड्राइवर और उसके साथी से पूछताछ करने पर पता चला कि ये लोग कुत्तों की तस्करी कर रहे थे। इसके लिये इनके गैंग ने बाकायदा एक नेटवर्क बनाया हुआ है जिसके तहत ये कुत्तों को पहले से तयशुदा दाम पर वहां के व्यापारियों को बेचते हैं जिसके एवज में इन्हें अच्छी खासी रकम मिलती है। इस धंधे में यूं भी मुनाफा ज्यादा होता है क्योंकि सड़क से आवारा कुत्ते पकड़ने में कोई लागत नहीं लगती। जो खर्चा होता भी है वो पकड़े गये कुत्तों को गाड़ी में लाद कर इनके दाम लगाने वाले व्यापारियों तक पहुंचाने का ही होता है।
बोरी में भर कर मांस व्यापारियों को बेचने वाले थे आरोपी
स्थानीय लोगों का कहना है कि नॉर्थ-ईस्ट में इस तरह के गैंग कई साल से सक्रिय हैं। पुलिस टीम कुत्तों की तस्करी के लिये पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ कर रही है। मिजोरम ले जाये जा रहे दर्जनों कुत्तों का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि कुत्तों को बोरों में बंध कर रखा गया था और सिर्फ उनके मुंह का हिस्सा ही बाहर निकला हुआ है। अब पुलिस पकड़े गये तस्करों के बाकी साथियों की तलाश में जुटी है।