दांत साफ करने के उपाय
सुबह उठते ही कभी भी मंजन ना करे।
●सुबह उठते ही सर्वप्रथम पानी पिये
●सुबह के समय मुँह मे जो लार बनती है, उसका ph मान 8.4 होता है, वह क्षारीय है और शरीर के लिए अमृत भी।
●कभी भी ब्रश का प्रयोग ना करें, इससे मसूड़े कमजोर होते है। ब्रश के बालों के बीच हमेशा हानिकारक बेक्टीरिया बने रहते है।
●दांत कभी भी पूर्णतय सफेद नही होते, इनका हल्का पीलापन होना स्वाभाविक है।
●अगर ब्रश ही प्रयोग करना है तो प्रतिदिन गर्म पानी से धोकर ही प्रयोग करें।
●रात्रि के सोने से पहले दांत साफ करना आवश्यक है, सुबह इतना आवश्यक नही।
■पेस्ट में dicalcium phosphate है जो जानवरो की हड्डियों से बनता है।
■हड्डियों के साथ ही पेस्ट में fluoride मिलाते है जो शरीर में फ्लोरोसिस नाम की बीमारी करता है और भारत के पानी में पहले से ही ज्यादा फ्लोराइड है।
■सभी पेस्ट में Sodium Lauryl Sulphate भी है जो झाग पैदा करता है,जो जहर है ,कैसर करता है।
■विदेशों में पेस्ट के ऊपर चेतावनी होती है, “बच्चे इसका सेवन ना करे और यदि वो खा ले तो तुंरन्त डॉक्टर के पास जाए।
■पेस्ट के स्थान पर दंत मंजन का प्रयोग कर सकते है।
■सर्वोत्तम दातुन नीम है, कुल 12 प्रकार के दातुन है, जैसे नीम, बबुल, आम, करंज, अमरूद, शीशम, अर्जुन, जामुन, मदार, आदि।
■सभी दातुनो का करने का समय अलग अलग माह के अनुसार है।
■नीम का दातुन पूरे वर्ष किया जा सकता है।
*विशेष-* नीम का दातुन लगातार 3 माह करें फिर 15-20 दिन के लिये छोड़ दे, उसके बाद 3 माह फिर कर सकते है, छोड़े हुए उन 20 दिनों में आप दंत मंजन इस्तेमाल कर सकते है
*पानी का कुल्ला-*
मुंह में पानी का कुल्ला तीन मिनट तक भर कर रखें।
इससे गले के रोग, जुकाम, खांसी, श्वांस रोग, गर्दन का दर्द जैसे कड़कड़ाहट से छुटकारा मिलेगा।
■नित्य मुंह धोते समय, दिन में भी, मुंह में पानी का कुल्ला भर कर रखें।इससे मुंह भी साफ़ हो जाता है।
■मुंह में पानी का कुल्ला भर कर नेत्र धोएं। ऐसा दिन में तीन बार करें।
■जब भी पानी के पास जाएँ मुंह में पानी का कुल्ला भर लें और नेत्रों पर पानी के छींटे मारें, धोएं।
■मुंह का पानी एक मिनट बाद निकाल कर पुनः कुल्ला भर लें ,मुंह का पानी गर्म ना हो इसीलिए बार बार कुल्ला नया भरते रहें।
■भोजन करने के बाद गीले हाथ तौलिये से नहीं पोंछे।
आपस में दोनों हाथों को रगड़ कर चेहरा व कानों तक मलें, इससे आरोग्य शक्ति बढती है।नेत्र ज्योति ठीक रहती है।
■गले के रोग, सर्दी जुकाम या श्वांस रोग होने पर थोडा गुनगुना पानी ले कर इसमें सेंध नमक मिला कर कुल्ला करना चाहिए, इस से गले, कफ, ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में बहुत फायदा होता है।
*तेल का कुल्ला-*
■सुबह बासी मुंह में सरसों या तिल का तेल भर कर पूरे 10 मिनट तक उसको चबाते रहें, ध्यान रहे ये निगलना नहीं है, ऐसा करने से मुंह और दांतों के रोग तो ठीक होंगे ही, साथ में पूरी बॉडी डी-टोक्सिफाय होगी।
■रोगों से मुक्त होने की इस विधि को तेल चूषण विधि कहा जाता है।
■आयुर्वेद में इसको गण्डूषकर्म कहा जाता है और पश्चिमी जगत में इसको आयल पुल्लिंग कहते है।
*दूध का कुल्ला-*
अगर मुंह में या गले में छाले हो जाएँ और किसी भी दवा से ठीक ना हो रहें हो तो सुबह कच्चा दूध (अर्थात बिना उबला हुआ ताज़ा दूध) मुंह में कुछ देर तक रखें और ध्यान रहे कि इस दूध को बाहर फेंकना नहीं है।
इसको मुंह में जितना देर हो सके 10 से 15 मिनट तक रखें, कुछ देर बाद बूँद बूँद कर के ये गले से नीचे उतरने लगेगा।
*दाँत साफ करने के घरेलू और बेहतरीन उपाय:-*
आधा चमच्च हल्दी, चुटकी भर सेंधा नमक और 5-7 बूंदे सरसो की तेल को मिलाकर दांत साफ करे
■त्रिफला बनाकर उसमें चुटकी भर सेंधा नमक मिलाकर दांत साफ करे
■गाय के गोबर के कंडे बनाकर सुखाकर जला ले,चुटकी भर पिसी फिटकरी और सेंधा नमक मिलाकर दांत साफ करें
■पेस्ट पर हरा निशान का अर्थ है प्राकृतिक चीजों से बना हुआ।
■पेस्ट पर काला निशान का अर्थ है पूर्णतय केमिकल है
■पेस्ट पर लाल निशान का अर्थ है केमिकल और प्राकृतिक वस्तु का इस्तेमाल।
■पेस्ट पर नीला निशान का अर्थ है, प्राकृतिक और औषधीय चीजों से बना हुआ, किन्तु सोडियम लारेल सल्फेट इंसमे भी है।