बिना डिग्री अस्पताल चलाने वाले दो स्वास्थ्य माफियाओ पर मुकदमा दर्ज
जौनपुर। कोतवाली पुलिस ने क्षेत्र के रसूलाबाद में अवैध ढंग से चल रहे नर्सिंग होम के संचालक समेत मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया है।
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर डीके सिंह द्वारा 7 जून को प्रेम नर्सिंग होम एवं रिसर्च सेंटर का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में लगभग 7 मरीज भर्ती पाए गए थे। इसके अलावा इस नर्सिंग होम में चलने वाला मेडिकल स्टोर भी अवैध ढंग से चल रहा था। ऑपरेशन के सभी मरीज अस्पताल में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा रहने के साथ डॉक्टर द्वारा बिना डिग्री के मरीज का इलाज करना पाया गया।
अस्पताल का संचालन सुनील कुमार गौतम पुत्र फुर्सत राम गौतम निवासी मुरारा थाना केराकत और मेडिकल स्टोर संचालक भानु प्रताप पुत्र फूलचंद भारती निवासी मंगतपुर थाना सरायख्वाजा जो बार बार मना करने के बाद भी स्थान बदलकर नर्सिंग होम चलाना और किसी भी प्रकार डिग्री ना होना पाया गया। अतः मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर सुनील कुमार गौतम व भानु प्रताप गौतम के खिलाफ धारा 419 ,420 व राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अब प्रश्न इस बात का उठना है कि पिछले कई सालों से बिना डिग्री वाले डॉक्टर व संचालक जिले के स्वास्थ्य विभाग की आंखों में धूल झोंक कर यह धंधा कर रहें थें जो मानव जीवन के लिए बड़ा की खतरनाक साबित हो रहा था। इतने दिनों तक आखिर स्वास्थ्य विभाग के लोगों द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई यह अपने में एक अलग सवालिया निशान उठता है। देखा जाए तो जिस स्थान पर यह नर्सिंग होम सील करने की कार्रवाई की गई है उसके आस पास एक और ऐसा नर्सिंग होम है जो स्वास्थ्य विभाग के मिली भगत से चल रहा है जो मानक के बिल्कुल विपरीत है वहां भी कुछ इस तरह से फर्जी डॉक्टर काम करके मानव जीवन से खिलवाड़ कर रहें हैं यहां भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
कहा जाता है कि अभी भी चलने वाला यह नर्सिंग होम एक बड़े प्रभावशाली व्यक्ति का है इसलिए जिले का स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने से कतरा रहा है। अब देखना यह है कि सीज होने वाले अस्पताल के बगल में जो प्रभावशाली व्यक्त का नर्सिंग होम बिना मानक के चल रहा है उसे पर जिले का स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करता है या चुप्पी साथ ले रहा है। वैसे यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि एक के खिलाफ कार्रवाई और दूसरे को वरदान देना यह स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान उठा रहा है।