सिर्फ छूने से नहीं फैलता COVID 19 : बॉम्बे हाईकोर्ट ने एयरलाइंस को बीच की सीट पर यात्री बैठाने की दीअनुमति
बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश पारित किया कि सभी एयरलाइनों को 31 मई को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा जारी सर्कुलर के अनुपालन में मध्य सीटों पर भी यात्री को बैठाने की अनुमति दी जाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के जवाब के बाद कोर्ट का यह आदेश आया है।इस पर समिति ने कोर्ट में बताया कि COVID -19 से संक्रमित किसी व्यक्ति के स्पर्श मात्र से घातक वायरस का संचरण नहीं होगा, जब तक कि संक्रमित व्यक्ति मुंह या नाक से ड्राप छींकने या खाँसी के माध्यम से अन्य व्यक्ति के संपर्क में न आए। न्यायमूर्ति एसजे काठवाला और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की पीठ ने एयर इंडिया के कमांडर देवेन वाई कनानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश दिया। कनानी ने याचिका में आरोप लागाया कि उन्होंने 23 मार्च 2020 को जारी भारत सरकार के सर्कुलर पर भरोसा किया लेकिन एयर इंडिया ने इस सर्कुलर का उल्लंघन किया और वंदे भारत मिशन के दौरान विदेशों में अटके पड़े भारतीयों को लाने के दौरान बीच के सीट को ख़ाली नहीं रखा।विशेषज्ञ समिति की 26 मार्च को हुई बैठक की अध्यक्षता नागर विमानन सचिव ने की। इस बैठक में कहा गया कि शारीरिक दूरी बनाए रखने से दो लोगों के बीच अनायास शरीर के सटने से संक्रमण से बचा जा सकता है। यह भी कहा गया कि अगर एक व्यक्ति के पास बैठे दूसरे व्यक्ति को सुरक्षात्मक सूट उपलब्ध कराया जाता है तो ड्रॉपलेट्स या छू जाने से संक्रमण को रोका जा सकता है। समिति का मानना था कि बीच में बैठे व्यक्ति को अगर सुरक्षात्मक सूट उपलब्ध कराया जाता है तो विमान में इसके उड़ने या लैंड करने के दौरान लोगों के आपस में सट जाने से संक्रमण से बचा जा सकता है।