Wednesday, October 23, 2024
अपराध

एक टीचर, 25 जगह नौकरी

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कासगंज. उत्तर प्रदेश के कासगंज में बेसिक शिक्षा विभाग को चमका देकर बड़ा फर्जीवाड़ा करने वाली शिक्षिका अनामिका सिंह के मामले में एक नया मोड़ आया है. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि मीडिया को अपना नाम अनामिका सिंह बताने वाली कोई और नहीं बल्कि प्रिया जाटव है. अभी तक खुलासा नहीं हुआ है कि आखिर अनामिका शुक्ला है कौन जिसके नाम से उत्तर प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में शिक्षिकाएं नौकरी कर रही हैं. बताया जा रहा है कि एक ही दस्तावेज को कई जिलों में इस्तेमाल कर कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को भी कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में शिक्षिका दिया गया था. अगर मानव संपदा पोर्टल पर फीडिंग नहीं होती तो शायद इसर्जीवाड़े का कभी पता ही नहीं चलता. सूत्रों की मानें तो इस बड़े फर्जीवाड़े में शिक्षा विभाग के जानकार भी शामिल थे, जिन्हें पता था कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में संविदा पर लगने वाली नौकरी में दस्तावेज की जांच नहीं होती है. बल्कि सिर्फ साक्षात्कार के दौरान ही असली अभिलेख देखे जाते हैं. चयन मेरिट के आधार पर होता है. ऐसे में अनामिका के दस्तावेजों को आधार बनाया गया, क्योंकि इसमें ग्रेजुएशन को छोड़ कर हाईस्कूल से इंटर तक 76 फीसद से ज्यादा अंक हैं. कासगंज में पकड़ी गई कथित अनामिका (असली नाम प्रिया जाटव ) के अनुसार उसकी मुलाकात गोंडा के रघुकुल विद्यापीठ में बीएससी करते वक्त ही मैनपुरी निवासी राज नाम के व्यक्ति से हुई थी जिसने प्रिया को नौकरी की सलाह दी. एक लाख रुपए में दस्तावेज पर नौकरी लगवाने का वादा भी किया था. उसने ही अगस्त 2018 में इसे नियुक्ति पत्र दिलाई थी.

ऐसे तैयारी किया गया था नकली दस्तावेज

बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के मुताबिक अनामिका शुक्ला के मूल दस्तावेजों में धुंधली फोटो भी इस फर्जीवाड़े की मददगार बनी. साक्षात्कार के दौरान यह फोटो देखी जाती है, लेकिन धुंधली होने पर अभ्यर्थी के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र के आधार पर चयन किया जाता है. जिस तरह से बैंकों में अनामिका शुक्ला के नाम से खाता खुलवाया गया, उससे माना जा रहा है कि आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज फर्जी तैयार कराए गए हैं. कोतवाली पुलिस ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल की तहरीर पर अनामिका के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. विवेचना इंस्पेक्टर रिपुदमन सिंह का कहना है मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन पूछताछ में नाम सहित कई अन्य जानकारियां मिली है, उनको भी विवेचना में शामिल किया जा रहा है. वहीं अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेज से नौकरी करने वाली कायमगंज की अनामिका सिंह (असली नाम प्रिया) ने पुलिस को घंटों तक गुमराह किया. पहले अपना नाम अनामिका सिंह व पिता का नाम राजेश बताया, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना नाम प्रिया व पिता का नाम महीपाल सिंह बताया. वहीं ये मूल निवासी कायमगंज के गांव लखनपुर की बताई जा रही है. इतना ही नहीं शिक्षिका बनने के बाद में प्रिया ने अनामिका शुक्ला के नाम से कासगंज में खाता खुलवाया. माना जा रहा है कि प्रिया ने बैंक खाते में भी फर्जी दस्तावेज का प्रयोग किया. हालांकि सरकारी कर्मियों के विभागीय दस्तावेज को भी प्रमाण पत्र के रूप मं प्रस्तुत करने पर बैंक खाता खोल देती है, लेकिन बैंक में फोटो प्रमाण पत्र की जरूरत होती है. ऐसे में माना जा रहा है कि अनामिका ने बैंक में आधार कार्ड या अन्य कोई फर्जी दस्तावेज दिया होगा. इसकी भी पुलिस जांच करेगी.